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UPI के माध्यम से डिजिटल भुगतान बढ़ने के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। धोखाधड़ी रोकने के लिए ट्रांजैक्शन को पिन की जगह बायोमेट्रिक्स से ऑथेंटिकेट करने का काम चल रहा है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने यूपीआई के भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए सत्यापित करने के लिए अब बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा। फिंगरप्रिंट या फेस ऑथेंटिकेशन आदि जैसे बायोमेट्रिक विकल्प पर विचार चल रहा है।
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एनपीसीआई यूपीआई में बायोमेट्रिक सुविधा शुरू करने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों से बातचीत कर रही है। अधिकांश फ़ोन अब फ़िंगरप्रिंट स्कैनर और चेहरे की पहचान जैसी सुविधाओं के साथ आते हैं। एनपीसीआई की योजना स्मार्टफोन में मौजूद इन सुविधाओं का उपयोग करके यूपीआई के माध्यम से लेनदेन और भुगतान को सुरक्षित करने की है।
UPI पेमेंट करने के लिए बायोमेट्रिक्स ऑथेंटिकेट
Google Pay, Phone Pay और Paytm सहित सभी UPI भुगतान ऐप्स के माध्यम से लेनदेन करने के लिए प्रमाणीकरण के लिए 4 या 6 अंकों का पिन आवश्यक है। बदलाव के बाद पिन की जगह फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे यूपीआई भुगतान अब की तुलना में आसान और अधिक सुरक्षित हो जाएगा।