डिजिटल अरेस्ट की साजिश: पटना में डॉक्टर दंपती से 1.95 करोड़ की ठगी, CBI बन साइबर अपराधियों ने 12 दिन तक डराया
पटना, 7 जून 2025 |
बिहार की राजधानी पटना से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक सेवानिवृत्त डॉक्टर दंपती को साइबर अपराधियों ने “CBI अधिकारी” बनकर झांसे में लिया और उन्हें मानसिक रूप से इतना आतंकित किया कि वे 12 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहने को मजबूर हो गए। इस दौरान दंपती ने करीब 1.95 करोड़ रुपये खुद अपने हाथों से ठगों को ट्रांसफर कर दिए।
कैसे रची गई ठगी की जालसाजी?
पटना के हनुमान नगर निवासी डॉ. राधे मोहन प्रसाद (79) और उनकी पत्नी डॉ. छवि प्रसाद के साथ यह धोखाधड़ी 21 मई से शुरू हुई। एक फर्जी कॉल पर खुद को CBI अधिकारी बताने वाले शख्स ने कहा कि उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। डराने की रणनीति इतनी सुनियोजित थी कि—
- पीड़िता को मुंबई के कोलाबा थाने का फर्जी नंबर दिया गया
- कॉल करने पर फर्जी पुलिस अधिकारी, वकील और जज सामने आए
- वीडियो कॉल में यूनिफॉर्म पहने ‘पुलिस’ अफसर दिखाए गए
- धमकी दी गई कि सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा और संपत्ति जब्त होगी
डर में आकर खुद बैंक जाकर पैसे ट्रांसफर किए
डॉक्टर दंपती को ऑनलाइन निगरानी में रहने को कहा गया, किसी से बातचीत करने या बाहर जाने पर रोक लगा दी गई। इस दौरान उन्होंने—
- 6 बार RTGS के माध्यम से ठगों के खातों में पैसे भेजे
- कुल ट्रांसफर की गई राशि लगभग 1.95 करोड़ रुपये
- उन्हें कहा गया कि “जांच पूरी होने तक निगरानी में रहना जरूरी” है
12 दिन बाद संदेह हुआ, बेटे ने किया खुलासा
बेटे डॉ. सौरभ, जो दिल्ली में रहते हैं, को जब जानकारी मिली, तब उन्होंने सच्चाई जानकर साइबर पुलिस को सूचना दी।
साइबर थाना में शिकायत दर्ज हुई और तत्काल कार्रवाई शुरू हुई।
- अब तक 53 लाख रुपये की राशि होल्ड कराई जा चुकी है
- बाकी राशि की रिकवरी की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है
- एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और जांच जारी है
ये सिर्फ ठगी नहीं, मानसिक आतंक है
इस साइबर अपराध ने सिर्फ आर्थिक नहीं, गंभीर मानसिक प्रताड़ना भी दी।
डॉ. सौरभ ने कहा—
“ठगों ने मेरे माता-पिता की पूरी जीवनभर की कमाई लूट ली है। वे डर के मारे घर से नहीं निकले। यह अपराध नहीं, अत्याचार है।”
सबक और सावधानियां:
- CBI, ED या कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर कभी पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहती
- कोई भी कानूनी नोटिस या गिरफ्तारी का आदेश लिखित में मिलता है
- किसी भी कॉल पर डरें नहीं, पहले परिवार या स्थानीय थाने से संपर्क करें
- वीडियो कॉल या वर्दी देखकर भ्रमित न हों, सत्यापन ज़रूरी है
- अनजान खातों में कभी पैसे ट्रांसफर न करें
🙏 डॉ. राधे मोहन प्रसाद और उनकी पत्नी को न्याय मिले, यही कामना है।
साइबर अपराधियों को जल्द सजा मिले और समाज को जागरूक किया जाए, यही इस घटना से सबसे बड़ा संदेश है।