मऊगंज में भीषण अग्निकांड: ट्रांसफार्मर में धमाका बना हादसे की वजह, थाना परिसर में 30 से अधिक वाहन जलकर खाक

By Awanish Tiwari

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मऊगंज में भीषण अग्निकांड: ट्रांसफार्मर में धमाका बना हादसे की वजह, थाना परिसर में 30 से अधिक वाहन जलकर खाक

रीवा | 16 मई 2025
मध्यप्रदेश के मऊगंज थाना परिसर में गुरुवार को सुबह 11 बजे एक भयानक अग्निकांड हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। घटना का कारण थाना परिसर के पास लगे विद्युत ट्रांसफार्मर में हुआ शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा है, जिसने देखते ही देखते विकराल आग का रूप ले लिया। इस हादसे में 30 से अधिक जब्त वाहन जलकर खाक हो गए, जिनमें चारपहिया, दोपहिया और यहां तक कि एक पुराना फायर ब्रिगेड वाहन भी शामिल था।

जले वाहन, फटे टायर, दहशत का माहौल

गवाहों के अनुसार जैसे ही ट्रांसफार्मर में विस्फोट हुआ, आग तेजी से फैली और थाना परिसर में खड़े जब्ती के वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। जलते टायरों की धमाकेदार आवाजें बम विस्फोट जैसी प्रतीत हो रही थीं, जिससे आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। लोग घरों से बाहर निकल आए और पुलिसकर्मियों में भी हड़कंप मच गया।

4 घंटे तक जारी रही आग बुझाने की मशक्कत

दमकलकर्मियों को आग पर काबू पाने में करीब चार घंटे लगे। मऊगंज के साथ-साथ हनुमना और मनगवां से भी दमकल बुलवाए गए थे। इस दौरान बिजली गुल होने की वजह से दमकल वाहनों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई वाहनों को दूरस्थ गांवों से पानी लाना पड़ा।

एसपी पहुंचे मौके पर, दिए जांच के निर्देश

पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी स्वयं मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने थाने में खड़े जब्त वाहनों के मालिकाना और कानूनी स्थिति की जांच के आदेश दिए। साथ ही आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच करने के निर्देश जारी किए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।

कितने वाहन हुए बर्बाद?

  • 12 चार पहिया वाहन
  • 15 दोपहिया वाहन (बाइक व स्कूटी)
  • 7 साइकिलें
  • 1 फायर ब्रिगेड वाहन

इन वाहनों में से कुछ हत्या और सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों में जब्त किए गए थे, हालांकि सभी वाहनों की विस्तृत जानकारी फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

प्रशासन पर उठे सवाल

इस हादसे ने पुलिस की सुरक्षा और रखरखाव व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे संवेदनशील स्थानों पर बिजली उपकरणों की निगरानी और जब्त वाहनों की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम न होने पर अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों ने प्रशासन की जवाबदेही तय करने की मांग की है।

यह अग्निकांड एक चेतावनी है कि थाना परिसरों में जब्त वाहनों की सुरक्षा और विद्युत उपकरणों की स्थिति पर अब गंभीरता से पुनर्विचार और कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है।

 

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