Ghats: भारत के सबसे पवित्र और पसंदीदा घाट में से एक हैं ये घाट…. जो आज भी है पर्यटकों के लिए हैं ख़ास

By Ramesh Kumar

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Ghats: भारत की भूमि प्राचीन परंपराओं, समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिकता से भरी हुई है। इस धरती की रगों में जीवनदायिनी नदियों का जाल है, जिनमें न केवल पानी, बल्कि आस्था और सांस्कृतिक विरासत भी बहती है। इन पवित्र नदियों के तट पर स्थित अनगिनत शहर और कस्बे तीर्थस्थल बन गए हैं जहाँ भक्त आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इन नदियों से घाटों की एक अनोखी शृंखला जुड़ी हुई है। ये सीढ़ीदार घाट नदियों के किनारे पंक्तिबद्ध हैं और आस्था और दैनिक जीवन का मिलन स्थल बन जाते हैं। आइए, हम भारत की कुछ प्रमुख पवित्र नदियों और उनके किनारे बने प्रसिद्ध घाटों का भ्रमण करेंगे–Ghats

मणिकर्णिका घाट

गंगा नदी के तट पर स्थित वाराणसी का मणिकर्णिका घाट अपनी आध्यात्मिकता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह घाट न केवल भारत के सबसे पुराने घाटों में से एक है, बल्कि इसे “मुक्ति का द्वार” भी माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपने कान से मणिकर्णिका नामक कुंड बनाया था। इसीलिए इस घाट का नाम मणिकर्णिका पड़ा। हिंदू धर्म में मणिकर्णिका घाट का विशेष महत्व है।

यहां दाह संस्कार से मृत व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि देश भर से लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए इस घाट पर आते हैं। मणिकर्णिका घाट पर हमेशा भीड़ रहती है। यहां आपको हर समय चिताओं से आग की लपटें और धुआं उठता हुआ दिखाई देगा।

अस्सी घाट, वाराणसी

भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक वाराणसी, गंगा नदी के तट पर स्थित अस्सी घाट के लिए जाना जाता है। यह घाट न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि अपनी जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा ने शुंभ और निशुंभ राक्षसों को मारने के बाद अपनी तलवार इसी स्थान पर फेंकी थी। जहाँ तलवार गिरी वहाँ एक गड्ढा बन गया और उसमें से एक जलधारा बहने लगी। इस जलधारा को अस्सी नदी के नाम से जाना जाता है।

हर की पौडी, हरिद्वार

हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल, हर की पौड़ी उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह घाट अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। हर की पौड़ी का नाम भगवान विष्णु के पदचिन्हों से जुड़ा है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां अपने चरण रखे थे, जिसके बाद यह स्थान पवित्र हो गया। हर की पौड़ी हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। घाट पर कई मंदिर भी हैं, जिनमें प्रमुख हैं हरि चंद्रेश्वर मंदिर, चंडी देवी मंदिर और माया देवी मंदिर।

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