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MP News : खुले ट्यूबवेल या बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश किया। इसमें प्रावधान है कि अगर कोई शिकायत मिलती है या सूचना आती है तो कुएं को तुरंत बंद कर दिया जायेगा। इसे बंद करने की जिम्मेदारी जमीन मालिक या खननकर्ता की होगी।
जुर्माना 25 हजार रुपये तक
यदि नोटिस मिलने के बाद भी इसे बंद नहीं किया तो पहली बार में 19,000 रुपये और उसके बाद 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और अन्य दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ‘मध्य प्रदेश में खुले ट्यूबवेलों में गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक 2024’ पेश किया। इसमें प्रावधान है कि ट्यूबवेल खनन या ड्रिलिंग करने वाली एजेंसी को खनन से संबंधित पूरी जानकारी वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराने के बाद अनुमति लेनी होगी। इसमें खनन का स्थान, भूमि मालिक का नाम और खनन की सफलता और विफलता के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
फोटो भी करना होगा अपलोड
यदि कुआं खराब हुआ तो इसे बंद करना होगा और इसकी फोटो भी अपलोड करनी होगी। जो कुएं खराब हो जाएं उन्हें कानून लागू होने के तीन महीने के भीतर बंद कर देना चाहिए। सरकार इस कार्य की निगरानी के लिए एक सक्षम प्राधिकारी की घोषणा करेगी। आपको खनन क्षेत्र में प्रवेश करने, दुर्घटना निवारण उपाय सुनिश्चित करने और सुरक्षा प्रावधानों को सत्यापित करने का अधिकार होगा।