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नई ताकत न्यूज़ इंदौर. इंजीनियर युवक-युवतियों को सॉफ्टवेयर डेवलपर (software developer) की ट्रेनिंग और जॉब देने के एवज में एक करोड़ से अधिक की चपत लगाकर कंपनी भाग गई। शनिवार को सैंकड़ों युवक-युवतियां पुलिस के पास पहुंचे और बताया कि विजय नगर स्थित कंपनी का ऑफिस बंद है। उन्होंने जॉब के लिए इंटरनेट पर रिज्यूम डाला था। वहीं से उनके नंबर लेकर कंपनी ने उन्हें झांसे में लिया। कई राज्यों में कंपनी ने ऐसी ही ठगी की है।
पलासिया स्थित कंट्रोल रूम पहुंचे खंडवा निवासी राघव चंद्रे ने बताया, जॉब के लिए उनकी तरह ही कई साथियों ने लिंक्डइन पर रिज्यूम सबमिट किया था। वहां से नंबर देख रेलवर्ल्ड इंडिया प्रालि कंपनी में 100 दिन की ट्रेनिंग के बाद नौकरी देने को कहा था। कुल 300 इंजीनियर युवक-युवतियां शिफ्ट में काम कर रहे थे।
पीड़ित ने बताया, वे नौकरी के चक्कर में इंदौर आए हैं। कुछ लोगों ने ट्रेनिंग करने के लिए पैसे उधार लिए। सोचा था कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कंपनी 9 हजार रुपए प्रतिमाह पगार देगी, जिससे वे उधारी चुकाएंगे। साथ ही नियमित कर्मचारी के रूप में अधिक तनख्वाह में काम करेंगे। कंपनी के भाग जाने से मानसिक रूप से परेशान हैं। जोन-2 डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि ठगी की शिकायत मिली है। तथ्यों की जांच करवा रहे हैं।
वॉट्सऐप पर मैसेज… कंपनी बंद हो गई है
राघव ने बताया, कंपनी प्रबंधन ने 30 से 40 हजार बांड राशि के रूप में प्रत्येक से लिए, लेकिन 70वें दिन कंपनी दफ्तर बंद कर भाग निकली। कंपनी की शाखा इंदौर के साथ पुणे, हैदराबाद, रायपुर, गुरुग्राम और दिल्ली में भी है। शिकायतकर्ताओं ने अधिकारियों को बताया, कंपनी शाखा की एचआर प्रमुख मंगला परिहार, ट्रेनर शिवम मिश्रा, आशीष द्विवेदी ने कर्मचारियों की भर्ती की है। वॉट्सऐप पर मैसेज प्राप्त हुआ कि कंपनी बंद हो गई। इसके बाद सभी कर्मचारी मेदांता हॉस्पिटल के पास कंपनी दफ्तर पहुंचे। आरोप है कि कंपनी के सीईओ प्रकाश सिंह, अमित कुमार, रणविजय सिंह हैं। सभी ने नंबर बंद कर लिए हैं। पीड़ितों ने कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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