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Chhindwara news (ईएमएस)। पिछले विधानसभा चुनाव (assembly elections) में अपनी राजनैतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भाजपा का दामन थामने वाली मोनिका बट्टी विधानसभा चुनाव में न भाजपा में पास हो पाई और न ही उन्हें अपने पिता की बनाई गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (Gondwana Republic Party) का साथ मिल पाया और नतीजा यह रहा कि कांग्रेस फिर एक बार फिर अमरवाड़ा मे भारी वोटों से जीत गयी ।
अगर राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो अमरवाड़ा में मोनिका बट्टी (Monica Batti)की हार के दो मुख्य कारण रहे पहले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की एंटी हिंदू छवि जिसे कांग्रेस द्वारा जमकर चुनाव में भुनाया गया वही भाजपा से जुड़े लोगों ने भी रामायण के अपमान को चुनाव में वोट न देने का मुद्दा बनाया जबकि दूसरा बड़ा कारण गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगो ने भी मोनिका के भाजपा में जाने को सत्ता के लिए पार्टी और आदिवासी समाज को धोखा देने के रूप में देखा जिसके चलते भी मोनिका को विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिल पाई।
बीच मझधार मे फसी मोनिका (Monica Batti)
अब अमरवाड़ा में आलम यह है की मोनिका कही पिला गमछा ओड़कर खुद आदिवासी समाज का हितैषी तो कहीं भगवा गमछा डालकर हिंदूवादी होना सिद्ध करना चाह रही है लेकिन कलर के भवर में फसी मोनिका खुद अपना भविष्य तय नहीं कर पा रही है वे क्या करें अब उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है।
विधानसभा के बाद लोकसभा में भी हो सकता है नुकसान
पिछली विधानसभा चुनाव में मोनिका बट्टी या कहे भाजपा को अपने विधानसभा प्रत्याशी से जुड़ी एन्टी हिंदू छवि का नुकसान उठाना पड़ा था और यह नुकसान अमरवाड़ा तक सीमित नहीं था बल्कि इसका असर चौरई में भी देखने को मिला था ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे है की आगामी लोकसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को कांग्रेस द्वारा भुनाया जा सकता है।
राजनैतिक अनुभव की कमी
मोनिका बट्टी (Monica Batti) अभी कुछ ही वर्षो से राजनीति मे सक्रिय हुई है और पिछले विधानसभा चुनाव में भी उनकी इसी अनुभव की कमी का फायदा अमरवाड़ा के कुछ छुटभैये भाजपा नेताओं ने उठाकर मोनिका को गुमराह कर कांग्रेस को फायदा पहुँचाया।