MP NEWS : उज्जैन: मंगलवार को महाकाल मंदिर हरसिद्धि मंदिर रामघाट क्षेत्र से सैकड़ों भिखारियों को जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के निर्देश पर पकड़ कर रैन बसेरों में छोड़ा गया था, जहां भिखारियों ने आपस में ही मारपीट विवाद शुरू कर दिया और मौका पाकर रेन बसेरे से भाग गए.महाकाल थाना पुलिस ने मंगलवार को क्षेत्र में अभियान चलाकर अधिकारियों को भीख मांगने से रोका, मौके से खदेड़ा और फिर पुलिस वाहन मानवता के नाते रैन बसेरे में छोड़ दिया था. रात को अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया ऐसे में कुछ भिखारी रात में तो कुछ सुबह भाग गए. बुधवार को घटना का पता चला रात में भिखारियों ने आपस में विवाद भी कर लिया. खिड़की दरवाजे और पंखे भी तोड़ दिए,
भिखारी मुक्त अभियान
दरअसल प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन को भिखारी मुक्त बनाने के मद्देनजर केन्द्र सरकार की स्माइल योजना के तहत यह अभियान शुरू किया गया है. भिखारियों को भिक्षावृत्ति से रोककर उन्हें मुख्य धारा में लाने की योजना है.
पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी
घटना के बारे में बुधवार को पुलिस को पता चला तो सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. पता चला मंगलवार रात को ही भिखारियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया था. रैन बसेरा में पहुंचने के 2-3 घंटे बाद ही सभी भिखारियों ने जमकर हंगामा किया और बाथरूम की लाइट्स और कांच तोड़ दिए. इसके बाद सभी वहां से फरार हो गए। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. जिसमें भिखारियों के भागने का वीडियो कैद हुआ है.
5 हजार भिखारी है उज्जैन में
उज्जैन के किसी सरकारी विभाग के पास भिखारी के मूल आंकड़े तो नहीं है बावजूद इसके धार्मिक क्षेत्र में भिक्षावृत्ति के लिए जो भिखारी घूमते हैं उनमें महाकाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, काल भैरव ,मंगलनाथ सिद्धनाथ ,शिप्रा नदी के आसपास अत्यधिक भिखारी पाए जाते हैं. इनमें से 3000 भिखारी स्थानीय है, बाकी 2000 भिखारी आसपास और बाहरी जिलों व अन्य प्रदेशों से भी आए हुए हैं.
यह मिशन फिर चलाएंगे
भिखारियों को पकड़कर उन्हें इस कार्य से मुक्त करने की जो योजना है, उसे पूरा किया जाएगा. भिखारी मुक्त उज्जैन की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। और यह मिशन फिर चलाएंगे. उज्जैन में भिक्षुकों को पुनर्वासित करने और उन्हें स्वच्छ जीवनशैली अपनाने में शामिल करने के प्रयासों को और मजबूती की आवश्यकता है. प्रशासन द्वारा जल्द ही नए सिरे से इस योजना को लागू किया जाएगा.
– नरेंद्र परिहार ,टीआई थाना महाकाल