MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने सत्ता संभालते ही प्रदेश के किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। 100 दिनों से अधिक समय तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले सीएम मोहन यादव ने किसानों के हित में बड़े फैसले लिए हैं जैसे किसानों को ऋण देना, गेहूं का समर्थन मूल्य, गेहूं पर बोनस और मुआवजा देना-MP News
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किसानों को बोनस मिलेगा
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं की फसल पर बोनस देने का फैसला किया है. और इसके लिए इसी महीने 11 मार्च को कैबिनेट बैठक हुई थी जिसमें गेहूं के समर्थन मूल्य के साथ बोनस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. पहले भी गेहूं किसानों को समर्थन मूल्य के साथ बोनस का लाभ दिया गया था और अब फिर से समर्थन मूल्य के साथ गेहूं खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा |
किसानों को बिना ब्याज के ऋण मिलेगा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए एक परियोजना बनाई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के लाखों किसानों द्वारा 536 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण लिया गया है और सरकार ने उनके हित में निर्णय लेते हुए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने की परियोजना बनाई है।
राज्य के किसानों को अल्पावधि ब्याज मुक्त ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि कृषि गतिविधियाँ आसानी से की जा सकें। किसानों को खेती से संबंधित अन्य सुविधाएं प्रदान करना जैसे खाद, बीज, कीटनाशक आदि सुविधाएं प्रदान करना। इसके साथ ही उपयुक्त परियोजनाएं बनाना ताकि किसान कम आय में अच्छा मुनाफा कमा सकें।
मध्य प्रदेश सरकार बोनस पर 3850 करोड़ रुपए खर्च करेगी
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार गेहूं किसानों से 2275 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदेगी, जिस पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा, जिससे गेहूं किसानों को 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे. हालांकि, इस बोनस में मध्य प्रदेश सरकार 3850 रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी, जिससे सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा. हालांकि सरकार ने राज्य के किसानों से वादा किया था कि गेहूं 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा, लेकिन यह वादा बीजेपी सरकार ने चुनाव जीतने के लिए किया था, जिससे राज्य की जनता नाराज हो गई |
किसानों को फसल क्षति का मुआवजा मिले
पिछले दिनों असामयिक बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ था, जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों के हित में फैसला लिया. और फसल क्षति का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने फसल क्षति का सर्वेक्षण किया और प्रभावित जिलों में किसानों की सूची तैयार की और किसानों को राहत और मुआवजा देने की व्यवस्था की |
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