मप्र में पुलिस अफसरों की कमी,साल के अंत तक और बढ़ेगा दबाव
भोपाल: गृह विभाग (home department) की हाल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रान्त में पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की भारी कमी दिख रही है। वर्तमान में आईपीएस (IPS) के 319 स्वीकृत पदों में से केवल 253 पदों पर ही अधिकारी तैनात हैं, जबकि 66 पद रिक्त पड़े हैं। चिंता की बात यह है कि यह संख्या वर्ष 2025 के अंत तक बढ़कर 77 हो जाएगी क्योंकि इस साल आने वाले दिनों में 10 वरिष्ठ अधिकारी सेवा निवृत्त होने वाले हैं।
रिटायर होने वाले अधिकारियों की सूची इस प्रकार है
मई: डीजी अरविंद कुमार, संजय कुमार सिंह
जून: एडीजी डीसी सागर
जुलाई: डीजी गोविंद प्रताप सिंह
अगस्त: आईजी जेएस राजपूत, योगेश मुदगल, अशोक कुमार गोयल
सितंबर: आईजी अनुराग शर्मा
नवंबर: कमांडेंट भगत सिंह विरदे
दिसंबर: डीजीपी कैलाश मकवाना, स्पेशल डीजी पवन श्रीवास्तव
इन वरिष्ठ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति से पुलिस मुख्यालय और फील्ड दोनों स्तरों पर कार्यभार में वृद्धि की आशंका है। इस हालात को देखते हुए, गृह विभाग रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त कैडर की स्वीकृति मांगने की तैयारी में है। इसके साथ ही, विभाग भर्ती और प्रोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी विचार कर रहा है।
डीजी स्तर पर भविष्य की चुनौती
प्रदेश में डीजी यानि पुलिस प्रमुख स्तर के कुल 10 पद स्वीकृत हैं। लेकिन वर्तमान में वर्ष 2033 तक केवल 5 अधिकारी ही इस पद के लिए योग्य रह जाएंगे। इनमें विवेक शर्मा (बैच 1998), दीपिका सूरी (1999), प्रमोद वर्मा (2001), अभय सिंह (2002), और हरिनारायणचारी मिश्र (2003) शामिल हैं। डीजी पद के लिए 30 वर्षों की न्यूनतम सेवा आवश्यक मानी जाती है। वरिष्ठ अधिकारियों की एकसाथ बड़ी संख्या में रिटायरमेंट से जहां अनुभव की कमी महसूस होगी, वहीं कार्य निष्पादन पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में समय रहते पदोन्नति और भर्ती की योजना क्रियान्वित करना विभाग की बड़ी चुनौती बन गई है।
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