MP NEWS सेवानिवृत्त हो रहे पुलिस अधिकारियों के साथ शासन का मजाक निरीक्षक संवर्ग के अधिकारी बस नाम के लिए बनेंगे डीएसपी

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Jabalpur, MP EWS  (ईएमएस)। M P government  के गृह विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश को लेकर पुलिस मोहकमे में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। पुलिस रैग्युलेशन एक्ट का हवाला देकर जारी आदेश में निरीक्षक और समकक्ष संवर्ग के अधिकारियों को मानसेवी उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्ति तो दी गई है लेकिन मानसेवी डीएसपी बनाए गए २२ अधिकारियों को वेतन एवं भत्ते निरीक्षक और समकक्ष पद के अनुसार प्राप्त होने की बात आदेश में कही गई।

पुलिस विभाग के जानकारों ने इसे कथित तौर पर शासन का मजाक बताया हैं क्योंकि कथित पदोन्नति के बावजूद निरीक्षक और समकक्ष संवर्ग के अधिकारी मानसेवी डीएसपी की वर्दी तो धारण कर सकेंगे और डीएसपी कहलाएंगे भी लेकिन उन्हें वेतन वहीं मिलेगा जो निरीक्षक और समकक्ष के संवर्ग के अधिकारी रहते हुए उन्हें मिल रहा हैं। पुलिस विभाग ने इस पर भी आपत्ति जताई हैं कि इन सभी २२ अधिकारियों को वर्ष २०२४ में ही ३१ जनवरी से ३० जून तक सेवा निवृत्त होना हैं ऐसे में निरीक्षक, कंपनी कमांडर, निरीक्षक रेडियो, निरीक्षक (अनुसचिवीय) एवं निरीक्षक (शीघ्रलेखक) की इस तरह की पदोन्नति होना या न होना लगभग एक समान हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस तरह की पदोन्नति न सिर्फ इन २२ अधिकारियों के साथ भद्दा मजाक हैं बल्कि उनके भविष्य के लिए भी खासा दुखदाई होगा।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह इसलिए क्योंकि इसी वर्ष कथित तौर पर पदोन्नति पाकर सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी सिर्फ नाम के लिए डीएसपी कहलाएंगे न तो उन्हें इस पद के अनुसार पेंशन मिलेगी न हीं अन्य भत्ते मिल पाएंगे। ऐसे में पदोन्नति होना और न होना एक बराबर हैं। विभागीय सूत्रों का कहना हैं कि १९६० में जन्मे इन २२ अधिकारियों की लंबित पदोन्नति कथित तौर पर महज औपचारिकता निभाने गृह विभाग ने करते हुए न सिर्फ शासन के नियमावली का मखौल उड़ाया है बल्कि पुलिस रेग्युलेशन एक्ट का भी मखौल उड़ाया जा रहा हैं।

यह जारी किया आदेश…………..

मप्र शासन के गृह विभाग (home department) के अवर सचिव अन्नू भलावी द्वारा प्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार सोमवार २२ जनवरी को जारी आदेश क्रमांक एफ १ (बी) २४/१८/ बी-४/दो में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा निरीक्षक, समकक्ष संवर्ग के अधिकारियों को पुलिस रैग्युलेशन एक्ट, १८६४ के नियम -४५ के संबंध में गृह विभाग द्वारा ५ जून १९६१ में जारी की गई संशोधन अधिसूचना क्रमांक २६१३-११-बीआईआई में निहित प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक (डेप्युटी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) का मानसेवी (ऑनरेरी) पद प्रदान किया जाता हैं। आदेश में कहा गया है कि मानसेवी उप पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त निम्रांकित निरीक्षकों, समकक्ष संवर्ग के अधिकारियों को वेतन एवं भत्ते निरीक्षक, समकक्ष पद के अनुसार ही प्राप्त होंगे किंतु वे उप पुलिस अधीक्षक का गणवेश धारित कर सकेंगे। उक्त आदेश में इसी वर्ष फरवरी में रिटायर हो रहे निरीक्षक अरविंद कुमार दुबे, मार्च में रिटायर हो रहे अविनाश सिंह सेंगर, जनवरी में ही रिटायर हो रहे राकेश कुमार तिवारी, मई में रिटायर हो रहे महेंद्र सिंह मंडलोई, फरवरी को रिटायर हो रहीं श्रीमति अनुराधा ग्रेवाल, अप्रैल में रिटायर हो रहे राम बदन सूर्यवंशी, मई में रिटायर हो रहे प्रेमचंद कलोवा, फरवरी में रिटायर हो रहे नत्थूलाल उईके, मई में रिटायर हो रहे कंपनी कमांडर सुनील कुमार शुक्ला, अप्रैल को रिटायर हो रहे पात्रिक तिग्गा, जनवरी में रिटायर हो रहे बालेंद्र कुमार पाण्डेय, राजेंद्र सिंह कुशवाह, अप्रैल में रिटायर हो रहे अरुण राव, जनवरी में रिटायर हो रहे निरीक्षक (रेडियो) मनोज कुमार ओसवाल, अप्रैल में रिटायर हो रहे महेश कुमार चौहान, फरवरी में रिटायर हो रहे दिनेश बाबू शर्मा, अप्रैल में रिटायर हो रहे निरीक्षक एस के श्रीवास, जून में रिटायर हो रहे निरीक्षक (शीघ्रलेखक) डी पी जुमादे, मार्च में रिटायर हो रहे रामकृष्ण वर्मा, फरवरी में रिटायर हो रहे उदयन श्रीवास्तव, अप्रैल में रिटायर हो रहे निरंजन श्रीवास्तव और जीएस गौर के नाम शामिल हैं। सभी की जन्मवर्ष १९६२ हैं।

 

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