भोपाल। न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों (Judicial and non-judicial functions) के बंटवारे से नाराज तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों (Tehsildars and Deputy Tehsildars) के प्रति सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राजस्व विभाग (revenue Department) ने सभी संभागायुक्तों को कलेक्टरों (Divisional Commissioners to Collectors) से अनुपस्थित अधिकारियों की जानकारी लेने और उनके खिलाफ निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
राजस्व विभाग (revenue Department) ने सभी संभागायुक्तों को कलेक्टरों (Divisional Commissioners to Collectors) से अनुपस्थित अधिकारियों की जानकारी लेने औ ने स्पष्ट किया है कि 3 जून को लिए गए कैबिनेट के फैसले के तहत राजस्व अधिकारियों के कार्यों का बंटवारा किया गया था, लेकिन इस फैसले के विरोध में कई अधिकारी 6 अगस्त से अपने कर्तव्य स्थलों से अनुपस्थित हैं। अकेले भोपाल में ही लगभग 3,000 मामले लंबित हैं। विभाग ने इसे सरकार की नीतियों के विरुद्ध और अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना है।
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संभागायुक्तों को यह भी याद दिलाया गया है कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के अनुसार हड़ताल, धरना या सामूहिक अवकाश जैसी गतिविधियों को कदाचार माना जाता है।
हालांकि, स्वतंत्रता दिवस पर विरोध का स्वर नरम रहेगा। म.प्र. राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है, इसलिए 15 अगस्त को सभी अधिकारी सौंपे गए राष्ट्रीय दायित्वों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करेंगे, लेकिन नियमित कार्य से दूरी बनाए रखेंगे।