सिंगरौली में नगर निगम दो बड़ी कंपनियों से कर वसूली करने में असमर्थ, जनता में आक्रोश,
सिंगरौली। नगर निगम सिंगरौली के राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जानकारी के मुताबिक शिक्कल लॉजिस्टिक लिमिटेड और कंडोई कंपनी पर क्रमश: 11,90,708 रुपये और 10,97,888 रुपये का भारी कर बकाया है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस वसूली नहीं की गई है, जिससे नगर निगम की आर्थिक स्थिति और विकास योजनाएं दोनों प्रभावित हो रही हैं।
नगर निगम की लापरवाही और कर संग्रहण में असफलता के चलते आम जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि नगर निगम आय में बढ़ोतरी और स्वच्छता या विकास कार्यों में पूर्णतः विफल हो चुका है।
शिक्कल कंपनी पर सबसे ज्यादा बकाया, फिर भी कार्रवाई नहीं
सूत्रों के अनुसार, नगर निगम प्रशासन को दोनों कंपनियों के बकाया की जानकारी होने के बावजूद, अब तक न तो कोई नोटिस जारी किया गया है और न ही वसूली की कोई ठोस प्रक्रिया शुरू की गई है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब देखा जाता है कि दूसरी ओर नगर निगम के पास मूलभूत सुविधाओं और स्वच्छता अभियानों के लिए धन की भारी कमी है।
नगर निगम के कर्मचारियों का भी कहना है कि आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण कई आवश्यक कार्य और नागरिक सुविधाएं रुकी हुई हैं। लेकिन करदाताओं से समय पर कर वसूली न होना, निगम की राजस्व नीति और प्रशासनिक इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े करता है।
जनता का आरोप—“कमिश्नर सिर्फ भ्रष्टाचार में व्यस्त”
नगर निगम कमिश्नर विकाश पर जनता का सीधा आरोप है कि वे सिर्फ भ्रष्टाचार और दिखावटी बैठकों में व्यस्त रहते हैं। विकास योजनाओं की गति थमी हुई है और स्वच्छता कार्यों का हाल बेहाल है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि निगम के उच्च अधिकारी समय रहते हस्तक्षेप नहीं करेंगे, तो सिंगरौली नगर निगम पूरी तरह कर्ज और अव्यवस्था में डूब जाएगा।
अब क्या कदम उठाएगा नगर निगम?
वित्तीय वर्ष समाप्त होने की कगार पर है, और अगर ऐसे में भी बड़ी कंपनियों से करोड़ों की कर वसूली नहीं होती, तो इसका सीधा असर शहरी विकास, सड़कों की मरम्मत, सफाई, जल आपूर्ति और अन्य सेवाओं पर पड़ेगा।
अब देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन इन बकायेदार कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करता है या फिर जनता के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहता है।