राजस्थान के डूंगरपुर जिले के पाड़ला हांडलिया की सरपंच और उनके पति ने अपने निजी खर्चे से एंबुलेंस सेवा प्रारंभ कर मानवता की मिसाल कायम की है। डूंगरपुर जिले के नेशनल हाइवे 927 A से लगा पाडला हांड़लिया जनजाति बाहुल्य गाँव है। पाडला हांड़लिया ग्राम पंचायत की सरपंच तुलसी देवी मालीवाड़ और उनके पति कचरा मालीवाड ने हाइवे पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में लोगो को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए अपने निजी खर्चे से एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की है।
सरपंच तुलसी मालीवाड़ के पति कचरा मालीवाड़ आदिवासी समाज के अध्यक्ष है। सरपंच तुलसी मालीवाड़ ने रोगियों की सेवा के उद्देश्य से यह एम्बुलेंस खरीदी है। ये एंबुलेंस गरीब रोगियों के लिए उपलब्ध रहेगी।
कचरा मालीवाड ने बताया, कि एम्बुलेंस पाड़ला हांडलिया स्थित टोल नाके पर खड़ी रहेगी। सड़क हादसे में घायल और डिलेवरी केस में उसे नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाया जाएगा। जो रोगी गरीब होगा उसके लिए सागवाड़ा एवं डूंगरपुर पहुंचाने की सुविधा निःशुल्क दी जाएगी एवं बाहर उदयपुर या अहमदाबाद या अन्य शहर में ले जाना पड़ा तो डीजल खर्च लिया जाएगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र के राजस्व गांव पाडला हांडलिया, नारायणपुरा, गुलाबपुरा, डोला सहित टामटिया, बरबोदनिया, नन्दौड़, विराट, गड़ा वेजणिया एवं ठाकरड़ा के रोगियों को एम्बुलेंस की निःशुल्क सेवा दी जाएगी।
ग्रामीणों ने सरपंच और उनके पति की कार्यशैली की सराहना करते हुए बताया कि मालीवाड़ ने भीषण गर्मी में पाड़ला हांड़लिया एवं राजस्व गांवों में निवास करने वाले लोगों के लिए निःशुल्क पानी के टेंकर उपलब्ध कराए थे। कचरा मालीवाड़ आदिवासी समाज के अध्यक्ष होने के नाते समय-समय पर युवाओं को अच्छे कार्य के लिए प्रेरित करते रहे हैं।
कचरा मालीवाड़ ने बताया कि जनता ने वोट देकर उनकी पत्नी तुलसी मालीवाड़ को सरपंच बनाया है इसलिए जनता के प्रति जिम्मेदारी बनती है कि सभी ग्रामवासियों की सच्चे दिल से सेवा की जाए।