- दो करोड़ की फिरौती के लिए जीजा- साले का अपहरण
- बंधक बनाकर सतना से अमानगंज के जंगल लेकर गए
- जमीन का सौदा करने के बहाने कट्टे की नोक पर धमकाया
- चेन, अंगूठी के साथ नकदी लूटी, कार लेकर हुए फरार
सतना। शहर के एक इंजीनियर और उसके साले का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया। सोमवार की दोपहर से लापता दोनों को उनके परिचित ने ही जमीन का सौदा करने के बहाने कट्टे की नोक पर बंधक बना लिया था। कार में दोनों के हाथ पैर बांधकर बैठाए रखा और आरोपी सतना से पन्ना के अमानगंज जंगल तक पहुंच गए। जहां एक कमरे में दोनों को रखा गया। किसी तरह मौका पाकर जीजा- साला वहां से भागते हुए मुख्य मार्ग पर पहुंचे और फिर ट्रक में सवार होकर थाना अमानगंज गए। जहां दोनों ने पुलिस को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। यहां सोमवार की रात साढ़े 11 बजे इंजीनियर प्रदीप त्रिपाठी की पत्नी ने कोतवाली में अपने पति और भाई मयंक चतुर्वेदी उर्फ उमंग के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रैगांव के बाद अमरपाटन
अमानगंज से परिवार और सतना पुलिस के साथ लौट रहे प्र्रदीप त्रिपाठी ने बताया, वह सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे अपने घर से निकले तो नगर निगम गए। इसके बाद डेढ़ बजे ऑफिस पहुंचे। जहां साला मयंक चतुर्वेदी उसका परिचित मनोज कुशवाहा, सिद्धांत, सोनू भी थे। मनोज ने कहा कि उसके दोस्त को मुआवजा मिला है इसलिए जमीन लेनी है। बकौल प्रदीप, उनकी जमीन अमरपाटन और रैगांव में है। वह सभी को लेकर कार से रैगांव गए तो जमीन दिखाई। यहां पसंद नहीं आने पर विट्स के पास दिखाया फिर मनोज बोला अमरपाटन वाली दिखा दो। दोपहर सवा 3 अमरपाटन पहुंचे तो प्लॉट दिखाया। यहीं जमीन देखने के बाद 100 मीटर दूर जाकर सिद्धांत और मानोज आपस में कुछ बात करने लगे।
जैकेट से निकाला कट्टा
प्रदीप का कहना है कि प्लॉट देखने के बाद जैसे ही कार में बैठने लगे तो मनोज और सिद्धांत ने जैकेट से कट्टा, पिस्टल निकाल कर धमकाना शुरू कर दिया। दोनों बोले किडनैप हो चुके हो, चुप रहना। इसके बाद तांत से दोनों के हाथ पैर बांधकर पीछे बैठा दिया। जेब में रखे 30 हजार रुपए मोबाइल फोन, सोने की दो अंगूठी, चैन ले लिया। इसके बाद सतना बायपास टमस नदी होकर कारगिल ढाबा से मटेहना रोड लेकर गए और फिर नागौद रोड में यादव ढाबा के पास गाड़ी लगाई। फिर कहा कि पत्नी से कैश, सोना मंगाओ।
ससुराल गया था आरोपी
पीडि़त प्रदीप का कहना है कि पत्नी को फोन करने का दबाव मनोज बना रहा था, इस बीच नगर निगम के रोहणी बाबू का फोन आया तो उनसे पैसा मांगने पर उन्होंने 30 हजार रुपए फोन पर भेज दिए। जब और मांगा तो उन्हें संदेह हुआ। फिर उन्होंने बहाना कर दिया। इसके बाद आरोपी गाड़ी लेकर भरजुना अपने ससुराल पहुंचा और वहां से कुछ सामान लिया। इसके बाद चले तो रीवा रोड हाइवे में डायल 100 दिखी लेकिन कट्टे के डर से मदद नहीं ले पाए। प्रदीप का कहना है कि आरोपी दो करोड़ की मांग कर रहे थे। रीवा रोड में पुलिस के डर से आरोपी गाड़ी बढ़ाते रहे और फिर यू टर्न लेकर नागौद, सिंहपुर, कालिंजर होते हुए अमानगंज जंगल लेकर गए।
जंगल में अब्दुल, सोनू
प्रदीप का कहना है कि उन्हें और मयंक को जंगल में एक टापू पर बने कमरे में रखा गया था। वहां निगरानी के लिए अब्दुल, सोनू कुशवाहा थे। बाकी तीनों आरोपी कार लेकर निकल गए। इसके पहले आरोपियों ने प्रदीप के पास से उनके करीब 8 डेबिट अैर 3 क्रेडिट कार्ड ले लिए थे और प्रदीप व मयंक के फोन रास्ते में ही फेंक दिए थे। प्रदीप ने बताया कि जब निगरानी करने वाले सो गए तब सुबह करीब पौने 5 बजे वह मौका पाकर मयंक के साथ जंगल से भागे। दोनों ने जूते उतार दिए थे ताकि आवाज से आरोपियों की नींद न खुल जाए। करीब 7 किमी जंगल में भागने के बाद रोड मिला तो एक ट्रक वाले को रोक अमानगंज थाना पहुंचे। वहां परिजन भी आ गए थे।
पत्नी को आरोपी ने किया फोन
अमानगंज थाना में बयान दर्ज कराने के बाद सतना लौटते समय प्रदीप ने बताया कि आरोपी मनोज कुशवाहा करीब पांच साल से मयंक से जुड़ा है। वह अपराधिक प्रवृत्ति का है और अमानगंज में भी उसके प्रकरण दर्ज हैं। प्रदीप का कहना है कि आरोपी मनोज ने मंगलवार की शाम उसकी पत्नी को फोन किया कि वह कारगिल ढाबा के पास उतर गया था और प्रदीप, मयंक चित्रकूट चले गए थे। यह इसलिए ताकि आरोपी पाक साफ बना रहे। अब इस मामले में सच्चाई क्या है, इसका पता पुलिस लगा लेगी।