SIDHI NEWS : नरेगा कार्यों का रिकॉर्ड तलब करने से आरईएस में हड़कंप मच गया।

By Awanish Tiwari

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SIDHI NEWS : जिला पंचायत सीईओ ने नरेगा योजना के तहत स्वीकृत कार्यों के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र संधारित करने के साथ ही कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।

SIDHI NEWS :। जिला पंचायत सीईओ ने नरेगा योजना के तहत स्वीकृत कार्यों के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र संधारित करने के साथ ही कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। संबंधित विभागों से नरेगा कार्यों का रिकार्ड मंगवाया गया है। रिकार्ड कॉल को लेकर आरईएस में हड़कंप मच गया है।

नरेगा योजना केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। नरेगा योजना के कार्यान्वयन से संबंधित क्षेत्रों में आवश्यक निर्माण कार्यों को पूरा करने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर मजदूरों के रोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। विडंबना यह है कि पिछले चार वर्षों में नरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया गया। कार्य के दौरान सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों की घोर अनदेखी की शिकायतें सुर्खियां बनीं. निर्माण कार्य में चहेते ठेकेदारों को प्राथमिकता दिये जाने से कार्य की गुणवत्ता पूरी तरह से हाशिये पर चली गयी। इसके अलावा, अधिकांश निर्माण कार्य आधा-अधूरा और खराब गुणवत्ता का था। नरेगा कार्य की सबसे बड़ी एजेंसी आरईएस बजट का दुरुपयोग करने की होड़ में थी। तत्कालीन ईई हिमांशु तिवारी द्वारा निर्माण कार्य के क्रियान्वयन में गुणवत्ता की पूरी तरह से अनदेखी की गयी थी. शिकायतों के बावजूद न तो कार्य का निरीक्षण किया गया और न ही मनमानी रोकने के लिए कोई पहल की गयी. नतीजा यह हुआ कि पहली बारिश में ही अधिकांश निर्माण कार्य जर्जर हो गया। तो कुछ पुल ढह गए. इस साल ऐसी सबसे ज्यादा शिकायतें आने से आरईएस में मनमानी का मामला विधानसभा तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर टीम ने आरईएस की कार्यप्रणाली की जांच शुरू की। वहां सफेदी भी चल रही है.

आरईएस वह एजेंसी है जो नरेगा का ज्यादातर काम करती है।

जिले में नरेगा योजना के तहत काम के लिए आरईएस सबसे बड़ी एजेंसी है। नरेगा के अधिकांश निर्माण कार्य आरईएस के माध्यम से किये जाते हैं। पिछले कुछ समय से भारी भरकम बजट से निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन को लेकर बड़ी शिकायतें आ रही हैं। इस साल पहली बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा शिकायतें सड़कों और रेसों में बने पुल-पुलियों के टूटने की सामने आईं.

यदि समीक्षा की जाए तो बड़ी अनियमितताएं उजागर हो सकती हैं

जिले में नरेगा योजनाओं के माध्यम से हर साल करोड़ों का बजट खर्च किया जा रहा है। आरईएस समेत कुछ विभागों द्वारा काम में जमकर मनमानी की जा रही है। ऐसे में अगर पिछले तीन साल के निर्माण कार्य की समीक्षा की जाये तो बड़ी अनियमितता सामने आ सकती है. गड़बड़ी के कारण कई निर्माण कार्य अपनी उपयोगिता खो चुके हैं।

वे कह रहे हैं

जिले में नरेगा योजना के तहत स्वीकृत कार्यों की उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड संबंधित विभागों से मांगा गया है। नरेगा को रिकार्ड समय में अपने कार्यालयों में उपलब्ध कराने के आदेश जारी किये गये हैं।

-अंशुमान राज, सीईओ जिला पंचायत सीधी

नरेगा योजना पूर्णतः जिला पंचायत के अधीन आती है। इस कारण रिकार्ड की एक प्रति जिला पंचायत कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी।

मनोज कुमार बाथम, प्रभारी ईई, आरईएस विभाग सीधी

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