SIDHI NEWS : जिला अस्पताल सीधी (District Hospital Sidhi) में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गये पीडि़त दलित युवक ने सिविल सर्जन (civil surgeon) के अभद्रता की पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर न्याय की लगाई गुहार
सीधी । दो अंगुली कटवा दो तो दिव्यांग प्रमाण पत्र बन जायेगा। सिविल सर्जन (civil surgeon) का यह वीडियो सोशल मीडिया (video social media) में वायरल हो रहा है। जिला अस्पताल सीधी ((District Hospital Sidhi)) में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गये पीडि़त दलित युवक ने सिविल सर्जन के अभद्रता की पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
जिला अस्पताल सीधी ((District Hospital Sidhi)) अपनी विवादित कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। अब सिविल सर्जन डॉ.दीपारानी इसरानी का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें सिविल सर्जन साफतौर पर दलित युवक से कह रही हैं कि 30 प्रतिशत तुम्हारा सर्टिफिकेट बना हुआ है। यदि इससे ज्यादा दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हो तो अपने हांथ की दो अंगुली काटकर आओ। सिविल सर्जन डॉ.दीपारानी इसरानी का अपने चेम्बर में दलित युवक से इस अभद्रता के साथ बातचीत की लोग काफी भत्र्सना कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि डॉक्टर जिनको शालीनता के साथ बातचीत करना चाहिए इस तरह से जवाब देंगे तो मरीजों का उपचार कैसे होगा और लोगों का विश्वास भी उनके ऊपर से खत्म होगा। उधर जमोड़ी थाना अंतर्गत ग्राम नौढिय़ा निवासी जीतेन्द्र बंसल पिता रामलखन बंसल ने आज पुलिस अधीक्षक सीधी को लिखित आवेदन देकर फरियाद की है कि उसके साथ जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ.दीपारानी इसरानी द्वारा दिव्यांग प्रमाणपत्र को लेकर काफी अभद्रता की गई एवं जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर अपमानित किया गया। जीतेन्द्र बंसल का कहना था कि उसका भांजा अभि बंसल आंख से विकलांग है। इस वजह से आवेदन देकर निवेदन कर रहा था कि मेरा भांजा एक आंख से पूरी तरह से दिव्यांग है।
जिस पर सिविल सर्जन डॉ.दीपारानी द्वारा कहा गया कि तुम भांजे की आंख फोड़ कर लाओ या एक हांथ की चार अंगुली काट कर लाओ तब तुम्हारे भांजे का विकलांग प्रमाण पत्र बनवाएंगे। उनके द्वारा जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपने चेम्बर से डांटकर भगा दिया गया। कुछ बातें सिविल सर्जन के द्वारा जो बोली गई हैं मोबाईल में रिकार्ड हैं और कुछ बातें रिकार्डिंग बनाते समय लोड नहीं हो पाई। उधर जिला अस्पताल के कुछ डॉक्टर्स का कहना था कि दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने के दौरान डॉक्टरों की टीम होती है। सभी डॉक्टर जब एक मत से दिव्यांगता का प्रतिशत सुनिश्चित करते हैं वही प्रमाण पत्र में दर्ज किया जाता है। इसके लिए जिला अस्पताल में मेडिकल टीम बैठती है। टीम द्वारा निर्धारित समय तक आने वाले सभी आवेदनों का परीक्षण कर संबंधित व्यक्ति की दिव्यांगता का निर्धारण किया जाता है। कुछ लोग अवश्य ज्यादा दिव्यांगता प्रतिशत दर्ज कराने के लिए अनावश्यक रूप से दबाव डालते हैं।
दुव्र्यवहार करने वाली सिविल सर्जन के खिलाफ दर्ज हो प्रकरण: जीतेन्द्र
जमोड़ी थाना अंतर्गत ग्राम नौढिय़ा निवासी जीतेन्द्र बंसल पिता रामलखन बंसल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि सिविल सर्जन द्वारा 12 दिसम्बर 2024 को सुबह करीब 11 से 12 बजे के बीच अपने चेम्बर में भांजे अभि बंसल का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने का आग्रह करने पर दुव्र्यवहार किया गया। उनका कहना था कि जब तक अंगुली काटकर नहीं आओगे दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बन पाएगा। जबकि उनके भांजे अभि की एक आंख पूरी तरह से दिव्यांग है फिर भी डॉक्टरों की मनमानी से दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। ऊपर से जातिगत अपमान भी किया गया। जीतेन्द्र का कहना था कि उसके द्वारा पुलिस अधीक्षक के यहां आवेदन आज देकर यह मांग की गई है कि सिविल सर्जन डॉ.दीपारानी इसरानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर दंडात्मक उचित कानूनी कार्यवाही की जाए।
इनका कहना है
संबंधित व्यक्ति द्वारा अनावश्यक रूप से दिव्यांगता प्रतिशत ज्यादा दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसके लिए उसके द्वारा एक जन प्रतिनिधि का नाम भी लिया जा रहा था कि जैसे भी हो उसके दिव्यांगता प्रतिशत को बढ़ाया जाए। जबकि संबंधित व्यक्ति का दिव्यांग मेडिकल सर्टिफिकेट 30 प्रतिशत का पूर्व से ही बना हुआ था। उसको समझाईश दी गई कि नियम के अनुसार ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं। आरोप मिथ्या लगाए जा रहे हैं।
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