सिंगरौली न्यूज़ : हिस्ट्रीशीटर के कबाड़ कारोबार पर पुलिस की चुप्पी, मिश्रा गिरोह अब भी मचा रहा चोरी का आतंक में 

By Awanish Tiwari

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सिंगरौली, संवाददाता। एनसीएल निगाही खदान (NCL Nigahi Mine) से करोड़ों रुपये के कबाड़ चोरी (Junk theft) का खेल अब खुलेआम चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बदमाशों (Notorious history sheeter criminals) द्वारा निगाही में खोली गई कबाड़ की दुकान, जिसे मिश्रा गिरोह के नाम से जाना जाता है, धड़ल्ले से चल रही है। हाल ही में कबाड़ की दुकानों पर की गई छापेमारी में लाखों रुपये का चोरी का माल बरामद हुआ है, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस इस बड़े गिरोह के ठिकानों पर हाथ डालने से कतरा रही है।

 

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मिश्रा गिरोह का प्रभाव और पुलिस की खामोशी

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह एनसीएल निगाही खदान से रोजाना लाखों रुपये के कीमती पुर्जे चुराकर रातोंरात माल सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) भेज देता है। इतना बड़ा नेटवर्क होने के बावजूद पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर द्वारा संचालित दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं की है। सवाल यह है कि पुलिस इस गिरोह पर हाथ डालने से क्यों डरती है?

छोटे दुकानदारों को बनाया निशाना, बड़े पर चुप

कबाड़ व्यापारियों ने खुलासा किया कि पुलिस और प्रशासन ने छोटी कबाड़ की दुकानों पर छापेमारी की, जबकि असल में चोरी का बड़ा धंधा हिस्ट्रीशीटरों की दुकानों से चलता था। माना जा रहा है कि असली दोषियों को बचाने के लिए छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई की जा रही है।

 

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खदानों से चोरी का बड़ा खेल

निगरानी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि खदानों से कबाड़ चोरी कोई नया खेल नहीं है। लेकिन अब यह धंधा संगठित होकर बड़े गिरोहों के हाथों में चला गया है। स्थानीय स्तर पर संरक्षण मिलने की भी खूब चर्चा है। इसीलिए हिस्ट्रीशीटरों के इस अवैध धंधे पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रशासन पर सवाल

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से मामले की तुरंत जाँच कर हिस्ट्रीशीटरों के गिरोह पर लगाम लगाने की माँग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए तो खनन क्षेत्र में चोरी और अपराध का यह सिलसिला और भी बड़ा रूप ले सकता है।

निगरानी का यह कबाड़ कारोबार पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और गिरोह के दबदबे का जीता जागता उदाहरण बन गया है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन वाकई बड़े नेटवर्कों के खिलाफ कार्रवाई करता है या फिर छोटे दुकानदारों पर शिकंजा कसता रहेगा।

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