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Singrauli: सिंगरौली जिले में इन दिनों पत्रकारों की बाढ़ सी आ गयी है। जहां पत्रकारिता सत्य, त्याग और समाजसेवा से जुड़ा महकमा माना जाता था आज जरायम धंधों में लिप्त लोग अपने बचाव के लिए पत्रकार का चोला ओढ़ ले रहे हैं जिसका खामियाजा वास्तविक पत्रकारों को भुगतना पड़ रहा है। जिले में इन दिनों पुलिस व कोयला आपूर्ति से जुड़ी कंपनियों पर इन कथित पत्रकारों के द्वारा खूब दबाव बनाया जा रहा है। हालत यह है कि पुराने फोटो व वीडियो डालकर बताया जा रहा है कि कोयले में भस्सी व छाई मिलाई जा रही है जबकि मौके पर पुलिस की टीम तथा पत्रकारों की टीम द्वारा मुआयना किया जाता है तो मौके पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता। इस पूरे घटनाक्रम में इन कथित पत्रकारों का एक मात्र उद्देश्य होता है कि दबाव बनाकर, ब्लैकमेलिंग करके पैसे निकाले जायें–Singrauli
वर्तमान समय में सिंगरौली जिले में कई सैकड़ा पत्रकार हो गये हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्स एप्प पर पत्रकारिता करते हैं। पत्रकार बनने से पहले न तो इनके कैरेक्टर की जांच की जाती है और ना ही इनके बैकग्राउण्ड चेक किया जाता है। इन कथित पत्रकारों के पास पत्रकारिता की डिग्री तो छोड़िए सीधा साधा हायर सेकेण्डरी या ग्रेजुएशन की डिग्री भी नहीं होती। चोरी, डकैती सहित कई आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग भी पत्रकारिता का चोला ओढ़कर सत्यवादी बनने का नाटक करते हैं और दबाव बनाकर ब्लैकमेलिंग का काम कर रहे हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कमजोर नियमों का फायदा उठाकर लोग यू-टयूब पर न्यूज चैनल व न्यूज पोर्टल बनाकर या फिर फेसबुक पेज पर पत्रकारिता के पेशे से जुड़ रहे हैं। इसमें से कुछ लोग तो समाजसेवा की भावना को लेकर तो कुछ ऐसे लोग अपना अवैध कारोबार चमकाने या फिर ब्लैक मेलिंग करने के लिए इस पेशे से जुड़ रहे हैं। ऐसे लोग पत्रकारिता की आड़ लेकर प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों के पास निचले स्तर के स्टाफ की झूठी शिकायत कर उनका मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले में देखने को मिला है।
जहां पुराने वीडियो और फोटो के आधार पर कोयला में छाई-भस्सी मिलायें जाने की खबरें चलाई जा रही है जो पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है। पिछले दिनों एसपी सिंगरौली द्वारा एक टीम गठित करके औचक निरीक्षण किया गया। जहां सैकड़ों गाड़ियों की चेकिंग की गई लेकिन छाई भस्सी की मिलावट वाली जैसी कोई भी चीज नहीं पाई गई। इसके बाबजूद भी तथा कथित लोग पुलिस और इंडस्ट्री में कोयला सप्लाई करने वाले लोगों को बदनाम कर रहे हैं।
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