पार्षदों ने किया हंगामा, पूछा-बजट से अचानक क्यों घट गए 137 करोड़
सिंगरौली. नगर निगम परिषद की मंगलवार को फिर से बुलाई बजट चर्चा बैठक में हंगामा हो गया। पार्षदों ने वार्डों में विकास प्रभावित होने को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। करीब एक घंटे तक चली बैठक में हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने 4 अप्रेल सुबह 11 बजे तक के लिए बैठक स्थगित कर दिया है।
नगर निगम का बजट 27 मार्च को पेश किया गया था। उस दौरान हंगामा होने पर बजट पर चर्चा नहीं हो सकी थी। मंगलवार को निगम कार्यालय सभागार में बैठक शुरू होते ही कांग्रेस पार्षद कमलेश्वर पटेल इस बात का विरोध करने लगे कि आयुक्त इस महत्वपूर्ण बैठक में क्यों नही हैं। जवाब आया कि निगमायुक्त न्यायालय संबंधी कार्य के चलते जबलपुर गए हैं। इसके बाद भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों ने इस बात पर विरोध शुरू कर दिया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो बजट का ग्राफ तैयार किया गया था वो 347 करोड़ रुपए का था। फिर अचानक 137 करोड़ रुपए क्यों घट गए। इसका मेयर ने कोई जवाब नहीं दिया। अधिकारियों से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हंगामा शुरू हो गया। करीब 45 मिनट तक हंगामा होता रहा। अंतत: सभी पार्षदों ने एक स्वर से बैठक की तिथि बढ़ाए जाने के लिए सहमति जताई। परिषद अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दिया।
MIC member व पार्षद के बीच नोंकझोक: पार्षद अखिलेश सिंह ने बजट को लेकर मेयर व एमआइसी को घेर लिया। इस दौरान एमआइसी सदस्य खुर्शीद आलम(MIC member Khurshid Alam) ने बजट पर बोलने का प्रयास किया तो पार्षद भडक़ गए। अखिलेश सिंह ने कहा, यह बजट ननि के वित्त मंत्री के घर का बजट नहीं है। यह बजट नगर निगम के समग्र विकास के लिए है। इसी बात पर दोनों के बीच मे नोंकझोक हुई। परिषद अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने दोनों को शांत कराया।







