SINGRAULI NEWS : मेडिकल कॉलेज निर्माण एजेंसी पर प्रदूषण नियंत्रण की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप

By Awanish Tiwari

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2011 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवंटित की गयी जमीन पर बलात् किया जा रहा कब्जा

सिंगरौली। 2011 से नौगढ़ भकुआर में संचालित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जमीन पर सिंगरौली मेडिकल कॉलेज निर्माण एजेंसी द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने बताया कि पंद्रह वर्षों पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नौगढ़ भकुआर में पर्यावरण विभाग की कार्यालय खोलने के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। वर्ष 2011 में तत्कालीन कलेक्टर पी. नरहरि के आदेश से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 0.460 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी और यहां वर्ष 2018 से क्षेत्रीय कार्यालय एवं प्रयोगशाला संचालित हो रही है। इस भूमि पर बोर्ड की 24 घंटे अत्यावश्यक पर्यावरणीय सेवाओं हेतु आवासीय परिसर, ईको पुष्प वाटिका, वायु गुणवत्ता मापक यंत्र सहित कई जनहितकारी योजनाएँ चल रही हैं। बोर्ड के मुख्यालय भोपाल ने हाल ही में 3.10 करोड़ रुपये की लागत से आवासीय भवन निर्माण के लिए गृह निर्माण मण्डल द्वारा 5 अगस्त 2025 को टेंडर जारी किया है। इसी बीच मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जमीन न मिलने की आशंका से ठेकेदार फर्म डी.बी.प्रोजेक्ट के कर्मचारियों ने 20 अगस्त 2025 को बोर्ड कार्यालय की बाउंड्रीवाल लगभग 25 मीटर तक गिरा दी। यह घटना दिनदहाड़े करीब 20 मिनट चली। बताया जा रहा है कि इस दौरान कर्मचारी भयभीत होकर छत पर चढ़ गए और पूरी घटना का वीडियो बनाने लगे।

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पीड़ित पक्ष के द्वारा पुन: प्रयास करने पर प्रशाकीय मदद की गुहार लगाने पर आगामी दिन 21/08 गुरुवार को तहसीलदार कार्यालय की ओर से पटवारी डी.डी. यादव तथा राजस्व निरीक्षक, सुखदेव प्रसाद लगभग 12:00 बजे पहुंचे। इन्होंने मेडिकल कॉलेज में ही डीन के कक्ष में रामधार दत्त को लगभग 01 घंटे तक राजस्व के प्रमाणिक राजस्व दस्तावेजों को दिखाकर स्पष्ट रूप से कहा, कि यह खसरा 338/1/2 एवम् रकवा 2 हेक्टेयर क़ानूनन मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है, किंतु डॉ.आर डी दत्त नाना प्रकार की आधारहीन एवं अप्रमाणिक बातों का उल्लेख कर उक्त जमीन को विवादित करने की चेष्टा में संलग्न रहे क्योंकि, उन्हें यह समझ में आ गया है, कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आवासीय मकान के निर्माण होने पर जमीन हथियाने के सारे मसूबे हमेशा के लिए धारासाही हो जाएंगे। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मचारी एवं अधिकारियों के द्वाराभी इस दौरान उपस्थित रहकर डीन महोदय को विभिन्न विभागीय योजनाओं के दृष्टिगत भूमि की उपयोगिता तथा आवश्यकता समझाने का प्रयास किया। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सिंगरौली जिले में एकमात्र यही भूमि आवंटित है वह भी मात्र 02 हेक्टेयर।

 

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स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के आसपास 50 हेक्टेयर से अधिक निजी भूमि उपलब्ध होने के बावजूद बोर्ड की जमीन पर कब्जे की साजिश रची जा रही है इस पूरे घनाक्रम में सक्रिय भूमि माफियाओं की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इसके अलावा ठेकेदारों ने बोर्ड की जमीन से निकलने वाले सरफेस रन ऑफ को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया और विकसित जानकी ईको पुष्प वाटिका के लगभग 150 पेड़ सड़कर नष्ट हो गए। एक अनुमान के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को 500 हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंगरौली जिले में आवंटित है। ग्राम भकुआर, नौगढ़ में मेडिकल कॉलेज के बनने से इस क्षेत्र में जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं, जिसके कारण मेडिकल कॉलेज प्रबंधन निर्धारित बाजार दर पर निजी जमीन लेना नहीं चाहता है, निशुल्क शासकीय जमीन हथियाने में अधिक रुचि ले रहा है। मेडिकल कॉलेज वर्टिकल हाई राइज बिल्डिंग भी बना सकता है . माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सिंगरौली में शीघ्र 04 ऑनलाइन वायु गुणवत्ता मापक यंत्र स्थापित करना आवश्यक है, जिसके लिए उसे आवंटित दो एकड़ जमीन भी कम पड़ रही है।

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