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सिंगरौली. कंपनी के तानाशाह रवैये से परेशान होकर विस्थापितों ने गुरुवार को कोल डिस्पैच बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। समर्थन में कांग्रेस नेता भी रहे।
उचित मुआवजा व नौकरी सहित अन्य मांग पूरी नहीं होने के चलते बीते चार दिन से विस्थापित परिवार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को सुलियरी व धिरौली कोल माइंस के आक्रोशित विस्थापितों ने एपीएमडीसी व अडानी कपंनी की मनमानी से परेशान होकर कोल परिवहन बंद करते हुए सुलियरी व धिरौली कोल माइंस के विस्थापितों ने आंदोलन किया है। तहसील सरई स्थित सुलियरी व धिरौली कोल माइंस के विस्थापितों ने बीते दस जून को कलेक्टर को ज्ञापन देकर 35 बिंदुओं पर मांग पत्र सौंपा था।
सात दिवस में निराकरण करने की मांग किया और उचित समय में समाधान नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दिया था। कलेक्टर को सौंपे गए मांगपत्र का सात दिवस में निराकरण नहीं होने के बाद विस्थापितों ने बीते 17 जून से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन शुरू किया। तीन दिवस का समय देते हुए कहा कि जितने विस्थापितों का अवार्ड से पृथक संपत्ति का बैंकर चेक आ चुका है उनका बैंकर चेक वितरण किया जाए। जिस बात को लेकर प्रशासन चेक वितरण करने में कोई समाधान नहीं निकला है। जिससे नाराज होकर विस्थापितों ने एपीएमडीसी व अडानी कंपनी का कोल डिस्पैच बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विस्थापित नेता दिपेन्द्र शाह ने बताया कि यह आंदोलन प्रतिदिन विशाल होता जा रहा है। विस्थापितों के समर्थन में कांग्रेस नेता बंशमणि प्रसाद वर्मा व भास्कर मिश्रा धरनास्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी का जल्द ही आगमन होगा।
विस्थापितों की मांगें
सुलियरी कोल माइंस भूमि पर स्थित छूटा हुआ चल व अचल संपत्ति का शत प्रतिशत मुआवजा वितरण किया जाए।
जिन विस्थापितों का अवार्ड से पृथक संपत्तियों एस-9 बैंक चेक आ चुका है। उनकों तत्काल वितरण किया जाए।
एस-9 का मुआवजा अवार्ड की तरह 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष आज दिनांक तक का ब्याज दिया जाए।
जिनका विस्थापित सूची से नाम छूट गया है उनका नाम तत्काल विस्थापित सूची में जोडकऱ विस्थापन का लाभ दिया जाए।
परियोजना से प्रभावित परिवारों को प्रभावित कार्ड दिया जाए।