अपराधियों का रिकॉर्ड अपडेट नहीं, ठिकाना बदल कर रहे वारदात
Singrauli News: सिंगरौली. ऊर्जाधानी में जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है वैसे-वैसे गंभीर वारदातों में इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि एक हजार से अधिक अपराध अभी लंबित हैं। अपराधी(Criminal) चोरी और ठगी के रोज नए तरीके ईजाद कर पुलिस की चंगुल से बचने का प्रयास कर रहे हैं। बदमाशों की वारदातों के तरीकों पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि अब अपराधी पुलिस से भी ज्यादा हाईटेक(high tech) हो गए हैं। माना जाता है कि चोरी, लूट जैसे अपराधियों का गिरोह काम करता है और अलग-अलग तरीके से विभिन्न जगहों पर वारदातों को अंजाम देते हैं। पुलिस थानों में ऐसे अपराधियों की फोटो के साथ सूची बनाकर रखने व रजिस्टर(register) में उनकी पूरी जानकारी दर्ज की जाती है। लेकिन पिछले कई सालों से अपराधियों की सूची अपडेट(Update) नहीं होने के कारण आरोपियों(the accused) के ठिकानों का भी पता नहीं चल पाता।
Police अपनी पुरानी सूची के आधार पर ही उनकी खोजबीन में जुटी रहती है। जबकि वारदात को अंजाम देने के बाद गिरफ्तार ज्यादातर आरोपी या तो जमानत पर छूट जाते हैं या फिर दो-तीन साल सजा पाने के बाद जेल से रिहा हो जाते हैं। जेल से छूटते ही उनका यह धंधा फिर से शुरू हो जाता है। जेल से छूटने के बाद ऐसे आरोपी पुलिस से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलकर वारदात(incident) को अंजाम देते हैं। थानों में उनकी जानकारी नहीं होने व ठिकाना बदल जाने के बाद पुलिस उनकी तस्दीक भी नहीं कर पाती। इसके चलते जिले के विभिन्न इलाकों में हुई चोरीए लूट सहित अन्य पुराने अपराध लंबित है। वहीं पुलिस भी ऐसे मामलों की फाइल को दबाकर बैठ गई है। पुलिस को यह पता नहीं है कि चोरी के विभिन्न मामलों में गिरफ्तार पुराने अपराधियों का पता ठिकाना कहां है और वह क्या कर रहे हैं।