रिहायशी मकान में चल रहा स्कूल, शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
न खेल मैदान, न बेंच-कुर्सी, न प्रशिक्षित शिक्षक—फिर भी मिली मान्यता
सिंगरौली। जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। देवसर विकासखंड अंतर्गत छमरछ पंचायत में एक निजी विद्यालय रिहायशी दो मंजिला मकान में संचालित किया जा रहा है। ऊपर परिवार का निवास और नीचे शटरबंद कमरे में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई हो रही है।
स्कूल के बाहर न तो बोर्ड है, न सूचना पटल। बच्चों के बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं, खेल मैदान तक नहीं है। ज़मीन पर टाट बिछाकर कक्षाएँ चल रही हैं। महज़ छह शिक्षक (ज्यादातर अपात्र) पूरे स्कूल का संचालन कर रहे हैं।आश्चर्य की बात है कि इतनी खामियों के बावजूद शिक्षा विभाग ने इस स्कूल को मान्यता दे रखी है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने के बजाय कागज़ों में औपचारिकता पूरी कर लेते हैं। बदले में संचालकों से ‘मुँहदेखाईÓ वसूली होती है।
यही नहीं, जिले के कई निजी विद्यालयों में मानकों की अनदेखी की जा रही है। हाल ही में एक निजी स्कूल बस से चार बच्चे गिरकर घायल हो गए थे। ग्लोरियस पब्लिक हाई स्कूल की बस तेज रफ्तार में नहर में गिरते-गिरते बची, लेकिन जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर शिक्षा जैसे पवित्र विभाग में इस स्तर की मनमानी और भ्रष्टाचार कब तक जारी रहेगा? जिला प्रशासन क्या ऐसे विद्यालयों की जांच कर कार्रवाई करेगा या फिर बच्चों की ज़िंदगी यूं ही खतरे में पड़ती रहेगी?