सिंगरौली न्यूज़ : भ्रष्टाचार में आरोपित अधिकारियों को राहत देने लिए पुनः करे विचार ? ..अभी तक कमिश्नर ने क्यों नहीं लिया एक्सन 

By Awanish Tiwari

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SINGRAULI NEWS
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भ्रष्टाचार में आरोपित अधिकारियों को राहत देने लिए पुनः करे विचार ..अभी तक कमिश्नर ने क्यों नहीं लिया एक्सन

सिंगरौली : मॉडल रोड में भ्रष्टाचार अधिकारियों पर महापौर ने सेवा समाप्तकर राज्य सरकार को अग्रेसित किया था लेकिन अभी तक नगर निगम के भ्रष्टाचार आरोपी पीके सिंह बीपी उपाध्याय और संतोष पांडे पर अभी तकनगर निगम कमिश्नर ने कोई भी कार्रवाई नहीं कियाहै भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी  पाए गए है फिर भी इन अधिकारियों को लगभग आधे  दर्जन पद देकरकार्य करवाया जा रहा है,कमिश्नर को पहले तो  भ्रष्टाचारी अधिकारियों को प्रभार से हटना चाहिए और महापौर के द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करना चाहिए क्योंकि नगर निगम की जनता ने उन्हें चुनकर महापौर बनाया है वही एमआईएससी के द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर महापौर ने कमिश्नर को लिखा कि इन्हें सेवा मुक्त कर राज्य सरकार को अग्रेषित करें.

भ्रष्टाचार के आरोप में अधिकारियों को बचाने में क्यों लगे हैं कमिश्नर

नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप में पाए गए तीन अधिकारियों को बचाने में कमिश्नर अपना अहम योगदान दे रहे हैं पीके सिंह एवं बीपी उपाध्याय के द्वारा कई तरह की भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है शहर में बनाए जा रहे सीवरेज के द्वारा शहर को गढो तब्दील कर दिया गया है वही ठेकेदारों की मिली भगत से जहां रोड की जरूरत नहीं है वहां भी रोड बनाया जा रहा है और घटिया निर्माण के कारण लोगों का जीना हराम है जिसका भुगतान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.वही नगर निगम में स्टोर प्रभारी व् वाहन अधिकारी  बने हैं तब से ना तो 4 वर्षों से ड्राइवर का पीएफ मिला है वहीं स्टोर में घटिया सामान की सप्लाई ठेकेदारों को कमीशन पर काम देने का कार्य किया जा रहा है जिसके कारण निगम केअच्छे कार्यों में भी घटिया सामग्रियों का स्फ्लाई  किया जाना निगम को कलंकित करता है.

स्टोर का प्रभार उपायुक्त के लिए फिर क्यों इंजीनयर को

राजपत्र के अनुसार नगर निगम का स्टोर उपायुक्त के लिए बनाया गया है लेकिन नगर निगम में एक इंजीनियर को स्टोर का प्रभाव देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है वर्षों से चहेते  ठेकेदारों को कमीशन के आड़ में काम दिया जा रहा है एवं घटिया काम की सप्लाई के कारण नगर निगम की राजस्व कादुरुपयोग किया जा रहा है.वही भ्रष्टाचार के आरोप में पाए गए अधिकारी को नगर निगम ने कई प्रभार देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से कम नहीं है

बात करने का प्रयास

नगर निगम कमिश्नर को संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नहीं उठाने के कारण इनका बयान स्पष्ट नहीं हुआ.

 

 

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