SINGRAULI NEWS : चितरंगी बीआरसी दफ्तर एवं पिपरवान स्कूल पहुंची तीन सदस्यीय जांच टीम

By Awanish Tiwari

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SINGRAULI NEWS : बीआरसीसी, बीएसी एवं प्रधानाध्यापक से की गई पूछतांछ, कबाड़ियों के हाथ पुस्तको की बिक्री का मामला

SINGRAULI NEWS। सरकारी किताबों को कबाड़ियों के हाथ बिक्री किये जाने के मामले को कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने काफी गंभीरता से लिया है। कलेक्टर का साफ निर्देश है कि दोषियों को किसी भी हालत में बक्शा नही जाएगा। आज कलेक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम चितरंगी पहुंची थी।

गौरतलब है कि कचनी में एक कन्टेनर व पिकअप वाहन से भारी मात्रा में म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम भोपाल की कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक कि किताबों को कोतवाली पुलिस ने जप्त किया। यह किताबें यूपी के ऊन्नाव के कबाड़ी के हाथों बेच दिया गया था। नवभारत के खबर को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुये इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर 24 घंटे के अन्दर जवाब मांगा और सूत्र बता रहे हैं कि आज तीन सदस्यीय जांच टीम के सदस्य डीईओ एसबी सिंह, डीपीसी आरएल शुक्ला एवं सहायक संचालक शिक्षा कविता त्रिपाठी चितरंगी बीआरसी दफ्तर एवं पिपरवान विद्यालय एवं गोदाम में पहुंच जांच पड़ताल कर बीआरसीसी सियाराम भारती, बीएसी एवं पिपरवान विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पूछतांछ कर उनके बयान दर्ज किये गए हैं।

हालांकि प्राथमिक दृष्टया में पुस्तकों को बिक्री किये जाने बात सामने आई है। इधर अब उक्त मामले को लेकर शिक्षा विभाग एवं आमजनों में तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है। कहा जा रहा है कि इतने गंभीर मसले में अजाक्स एवं जयस जैसे संगठन के पदाधिकारियों के गले रू ध गए हैं। जबकि सरकारी विद्यालयों में अजा एवं अजजा तथा गरीब तबके के बच्चे 70 फीसदी अध्ययनरत है। अजाक से जुड़े बीआरसीसी चितरंगी अपने ही वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस पर भी उक्त संगठन के पदाधिकारी मौन हैं।

दो दिन तक कोतवाली में होता रहा मोलभाव

सूत्र बता रहे हैं कि कोतवाली पुलिस ने 2 सितम्बर की आधी रात को सरकारी पुस्तकों के साथ कन्टेनर एवं पिकअप वाहन को जप्त किया था और दूसरे दिन 3 सितम्बर की सुबह सरकारी पुस्तकों के तस्दीक की जाकर पुलिस हाथ-पैर माने लगी। कबाड़ी कारोबारी के साथ-साथ बीआरसी को भी सम्पर्क कर हाथ पैर मारने लगी। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कुछ हद तक बात बन गई और कबाड़ी कारोबारी पुलिस के मंशा पर खरा उतरने के लिए हामी भर दिया। लेकिन बीआरसी की ऐठन नही जा रही थी और यही से बात बिगड़ गई। तब तीसरे दिन कोतवाली पुलिस डीईओ को सूचना दिया।

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