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Social media: सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह दोस्तों और परिवार के साथ जुड़े रहने, जानकारी प्राप्त करने और मनोरंजन करने का एक शानदार तरीका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है? 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, जो किशोर प्रतिदिन कम से कम 3 घंटे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उनमें अवसाद, चिंता और गुस्से की समस्या होने की संभावना अधिक होती है। यह शोध किशोरों के सोशल मीडिया के उपयोग और उनके मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक चिंताजनक संबंध दिखाता है–Social media
ध्यान केंद्रित न कर पाना
सोशल मीडिया पर, हम लगातार सूचनाओं और अपडेट्स से भरे रहते हैं, जो हमारे दिमाग को अव्यवस्थित और भ्रमित कर सकते हैं। सोशल मीडिया सूचनाओं, अलर्ट और संदेशों से भरा है, जो हमें कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने से रोकता है। सोशल मीडिया अक्सर लोगों के जीवन के सबसे अच्छे और खुशी के पल दिखाता है, जिससे असुरक्षा और ईर्ष्या की भावना पैदा हो सकती है, जो एकाग्रता को बाधित कर सकती है।
मोटापा बढ़ना
आजकल स्मार्टफोन और सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोन और सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? फोन और सोशल मीडिया की लत मोटापे का एक बड़ा कारण हो सकती है। देर रात फोन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल से नींद में खलल पड़ता है, जिससे थकान और सुस्ती आती है।
लोग शारीरिक गतिविधियों को कम करते हुए फोन और सोशल मीडिया पर घंटों बिताते हैं। लोग भोजन करते समय भी अपने फोन को देखते रहते हैं, जिससे भोजन की खपत अधिक होती है। सोशल मीडिया पर नकारात्मक जानकारी और तुलनात्मक माहौल तनाव और चिंता पैदा कर सकता है, जिससे अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतें पैदा हो सकती हैं।
ट्रेंडिंग को अपनाएं
युवा अपना कीमती समय ट्रेंडिंग चीजों के पीछे बर्बाद कर देते हैं, जिसका असर पढ़ाई और अन्य जरूरी गतिविधियों में ही लग जाता है। ट्रेंडिंग चीजों को फॉलो करने की कोशिश में युवा अपने असली व्यक्तित्व को दबा देते हैं और कॉपी करना शुरू कर देते हैं। जब युवा अपनी तुलना दूसरों से करते हैं और ट्रेंडिंग चीजों को हासिल करने में असफल होते हैं, तो उनका आत्म-सम्मान कम हो जाता है। सोशल मीडिया अक्सर नकारात्मकता और असत्यता फैलाता है, जो युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।