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Auto Sales: एक समय था जब भारत में कार का मतलब सिर्फ मारुति होता था। लेकिन पिछले कुछ सालों में लोग यह सोचने लगे हैं कि कार में मारुति के अलावा और क्या विकल्प हैं? अब ग्राहकों के बीच बनी यह धारणा मारुति सुजुकी इंडिया के बिक्री आंकड़ों में नजर आती दिख रही है। मई महीने में जहां मारुति की बिक्री घटी है, वहीं कुछ साल पहले खुद को दोबारा बाजार में लॉन्च करने वाली टाटा मोटर्स की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आप चाहें तो आंकड़े देख लें—Auto Sales
मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री मई महीने में साल-दर-साल 2 फीसदी गिर गई। यह 1,74,551 यूनिट रही है, जो मई 2023 में 1,78,083 यूनिट थी। इसके उलट टाटा मोटर्स की बिक्री इस दौरान 2 फीसदी बढ़कर 76,766 यूनिट्स पर पहुंच गई है, जो कि पिछले साल मई महीने में 74,973 यूनिट्स थी |
बाजार में उलटफेर हो रहा
बाजार में एक और ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि मारुति की ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसी छोटी कारों की बिक्री घट रही है। मई में यह 9,902 यूनिट रही, जो पिछले साल मई में 12,236 यूनिट थी। वहीं, कंपनी की कॉम्पैक्ट कारों जैसे बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट, टूर एस और वैगन आर की बिक्री भी मई में घटकर 68,206 यूनिट रह गई है, जो पिछले साल इसी महीने में 71,419 यूनिट थी। वहीं, मारुति की ब्रेज़ा, ग्रैंड विटारा, अर्टिगा, एस-क्रॉस और XL6 की बिक्री मई में बढ़कर 54,204 यूनिट हो गई, जो मई 2023 में 46,243 यूनिट थी।
वहीं इलेक्ट्रिक कारों की मार्केट लीडर टाटा मोटर्स भी इस मामले में जबरदस्त बिक्री कर रही है। घरेलू बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों सहित टाटा की कुल यात्री वाहन बिक्री 47,075 इकाई रही है।
मारुति के पिछड़ेपन का कारण क्या है?
मारुति की बिक्री में गिरावट एक बड़ी चुनौती का संकेत देती है। मारुति ने लंबे समय से अपने उत्पादों में कोई नवाचार नहीं किया है। वहीं, कंपनी को इन दिनों कार सुरक्षा संबंधी मुद्दों से भी जूझना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर उनके कई ऐसे वीडियो वायरल हो चुके हैं जिनमें मारुति की कार क्रैश हो गई है. संभव है कि लोग मारुति की जगह दूसरी कारें खरीदने पर ध्यान दे रहे हों।