भारत से हमले की आशंका: ISI मुख्यालय पहुंचे पाक पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख, रणनीतिक बैठक में शामिल

By Awanish Tiwari

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भारत से हमले की आशंका: ISI मुख्यालय पहुंचे पाक पीएम शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख, रणनीतिक बैठक में शामिल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ देश के तीनों सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और उप प्रधानमंत्री इशाक डार भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि यह उच्च स्तरीय बैठक भारत की ओर से संभावित हमले की आशंका के मद्देनज़र बुलाई गई थी।


‘प’ से पाकिस्तान की रणनीतिक हलचल: ISI मुख्यालय में इमरजेंसी बैठक

ISI मुख्यालय में हुई इस गोपनीय बैठक को पाकिस्तान की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। बैठक में भारत की सैन्य गतिविधियों, कूटनीतिक रुख और सीमा पर तेजी से बदलते हालात पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार और सेना इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भारत, हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक या प्रत्यक्ष हमला कर सकता है।


पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की भूमिका में बढ़ोतरी

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस समय देश की सुरक्षा रणनीतियों का केंद्रीय हिस्सा बन गई है। बैठक में ISI अधिकारियों ने मौजूदा इनपुट और भारत की सैन्य तैयारियों से जुड़ी जानकारियों को साझा किया। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ISI द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट ही इस हाई-लेवल मीटिंग की आधारशिला बनी।


सरहद पर अलर्ट मोड में पाक सेना

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना को LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) और वर्किंग बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी रेजिमेंट्स को चौकस रहने और “किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार” रहने के आदेश दिए गए हैं।

पाक सेना के प्रवक्ता ने भले ही सार्वजनिक रूप से कोई बयान न दिया हो, लेकिन सैन्य हलकों में चर्चा है कि यदि भारत ने कोई कदम उठाया, तो पाकिस्तान उसे नजरअंदाज नहीं करेगा।


भारत की स्पष्ट नीति और पाक की चिंता

भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद स्पष्ट संकेत दिए थे कि आतंक को पालने वाले देशों के साथ अब “बात नहीं, केवल कार्रवाई” का दौर चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बैठकों में पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक जवाबी कार्रवाई की संभावनाओं पर विचार हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम यह दर्शाता है कि उसकी सरकार और सेना भारत की प्रतिक्रिया से गंभीर रूप से चिंतित हैं।


क्षेत्रीय तनाव की दिशा में बढ़ते हालात

इस बैठक को क्षेत्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। दक्षिण एशिया में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल है और इस तरह की सैन्य-राजनीतिक गतिविधियां हालात को और जटिल बना सकती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अब राजनयिक संवाद की संभावनाएं कमजोर होती जा रही हैं और दोनों देशों के बीच एक बार फिर टकराव का माहौल बनता दिख रहा है।

 

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