Heat wave: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आई.जे. गुप्ता ने कहा कि अत्यधिक गर्मी से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, जो जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को अपने क्षेत्र के सभी क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के माध्यम से लू से बचाव एवं उपचार के बारे में आम लोगों को जानकारी देने के निर्देश दिये।
थर्मल सुरक्षा
गर्मियों में धूप में निकलते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें, बिना खाए बाहर न जाएं, खाना खाकर और पानी पीकर ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन, कान और सिर को गमछा या गमछा से ढककर धूप में निकलें, रंगीन चश्मे और छाते का प्रयोग करें। गर्मियों में हमेशा खूब सारा पानी पिएं और खूब सारे तरल पदार्थ पिएं। जहां तक संभव हो, धूप में खड़े होने और कोई व्यायाम/अन्य गतिविधियां करने से बचें। गर्मी के मौसम में जब तक बहुत जरूरी न हो, भीड़-भाड़ वाले, गर्म कमरे, रेल बस आदि में यात्रा करने से बचना चाहिए।
हीट स्ट्रोक में प्राथमिक उपचार
रोगी को तुरंत ढीले कपड़ों के साथ छायादार क्षेत्र में रखें और वेंटिलेशन प्रदान करें। जब रोगी होश में आ जाए तो उसे शीतल पेय, जीवन रक्षक घोल, कच्चे आम का पानी आदि दें। तापमान को नियंत्रित करने के लिए आप प्याज का रस या जौ का आटा भी लगा सकते हैं। रोगी के शरीर का तापमान कम करने के लिए यदि संभव हो तो उसे ठंडे पानी से नहलाएं या उसके शरीर पर ठंडे पानी का सेक लगाएं। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराते रहें जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए। यदि इलाज के बाद मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे नजदीकी चिकित्सा संस्थान में रेफर करना चाहिए या जिला अस्पताल में इलाज कराना चाहिए।