दादा साहब फाल्के की बायोपिक पर दो बड़ी फिल्में: आमिर खान और जूनियर एनटीआर के बीच मुकाबला!

By Awanish Tiwari

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दादा साहब फाल्के की बायोपिक पर दो बड़ी फिल्में: आमिर खान और जूनियर एनटीआर के बीच मुकाबला!

 डेस्क न्यूज | 16 मई 2025
भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के की जीवनगाथा अब बड़े पर्दे पर दो सुपरस्टार्स के जरिए जीवंत होने जा रही है। जहां एक ओर बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान निर्देशक राजकुमार हिरानी के साथ बायोपिक में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर साउथ के पावर स्टार जूनियर एनटीआर भी राजामौली की छत्रछाया में उसी शख्सियत की भूमिका में नजर आने वाले हैं।

राजामौली की ‘मेड इन इंडिया’ में जूनियर एनटीआर

साउथ के मशहूर निर्देशक एस.एस. राजामौली ने अपनी नई फिल्म ‘मेड इन इंडिया’ की घोषणा साल 2023 में की थी। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के आरंभ और उसके विकास पर आधारित होगी, जिसमें जूनियर एनटीआर दादा साहब फाल्के का किरदार निभा रहे हैं।
राजामौली, उनके बेटे एस.एस. कार्तिकेय और निर्माता वरुण गुप्ता ने इस बायोपिक की स्क्रिप्ट तैयार की है और बताया जा रहा है कि एनटीआर इस कहानी से बेहद प्रभावित हुए, खासकर दादा साहब की अनकही संघर्षगाथा से।

राजकुमार हिरानी की फिल्म में आमिर खान

दूसरी ओर, बॉलीवुड से राजकुमार हिरानी ने भी दादा साहब फाल्के की जिंदगी पर आधारित एक मेगाबजट बायोपिक की योजना बनाई है, जिसमें आमिर खान मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
यह फिल्म अक्टूबर 2025 से फ्लोर पर जाएगी। हिरानी के साथ स्क्रिप्ट पर अभिजात जोशी, हिंदुकुश भारद्वाज और अविष्कार भारद्वाज ने पिछले चार वर्षों से काम किया है

सूत्रों के अनुसार, आमिर खान इस रोल के लिए जबरदस्त रिसर्च में जुट गए हैं और उन्होंने ‘तारे जमीन पर’ के बाद सीधे इस फिल्म के लिए शारीरिक और मानसिक तैयारी शुरू कर दी है। फिल्म में 1900 के दशक की बंबई और उस दौर के सिनेमा के संघर्षों को AI तकनीक और रेट्रो सिनेमेटोग्राफी से दिखाया जाएगा।

कौन बनेगा असली फाल्के?

अब दर्शकों और सिनेप्रेमियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि दोनों फिल्मों में से कौन सी दादा साहब फाल्के की विरासत को सही तरीके से दिखा पाएगी।
जहां राजामौली की फिल्म ‘मेड इन इंडिया’ सिनेमा के जन्म को एक भव्य दृश्यात्मक अनुभव के रूप में पेश करने जा रही है, वहीं आमिर-हिरानी की जोड़ी एक भावनात्मक और गहराई से जुड़ी कहानी पर जोर देती नजर आएगी।

भारतीय सिनेमा को श्रद्धांजलि

दादा साहब फाल्के को भारतीय फिल्म उद्योग का पितामह माना जाता है। 1913 में उन्होंने भारत की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ बनाई थी। उनके सम्मान में भारत सरकार ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार की स्थापना की, जो भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि आमिर खान की परिपक्वता और जूनियर एनटीआर की ऊर्जा में से कौन दर्शकों के दिलों में असली फाल्के बनकर उतरता है।

 

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