Ujjain News: अखाड़ा परिषद के साधु संतों ने सिंहस्थ 2028 का देखा प्रेजेंटेशन

By Awanish Tiwari

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अखाड़ा परिषद के साधु संतों ने सिंहस्थ 2028 का देखा प्रेजेंटेशन

Ujjain News: महाकाल की नगरी अवंतिका में मोक्षदाययनी माँ शिप्रा कल- कल बहती नजर आएगी. नदी में मिल रहे हैं नाले जल्द बंद होंगे. प्रयागराज महाकुंभ जिस प्रकार से निर्बाध तरीके से संपूर्ण हुआ, 60 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, वैसा ही भव्य आयोजन उज्जैन में भी होगा.यह उद्गार मंगलवार को संत समुदाय द्वारा प्रस्तुत किए गए. सिंहस्थ मेला कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास के नेतृत्व में सभी साधु संत पहुंचे. जिला प्रशासन ने उन्हें सिंहस्थ का प्रजेंटेशन दिखाया उसके पश्चात संतों ने मीडिया से चर्चा की.

मुख्यमंत्री की कार्य योजना को सराहा

चर्चा में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जिस प्रकार से सिंहस्थ के मद्देनजर साधु संतों से लेकर आगंतुक अतिथियों और किसानों के बारे में सोच रहे हैं, वह बहुत बेहतर है. जो कार्य योजना तैयार की गई है, इससे सभी को लाभ होगा. बार-बार जमीन अधिग्रहण की वजह से झंझट होते हैं ऐसे में स्थाई योजना का प्रावधान किया गया है, वह बहुत ठीक है.

सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई पक्के निर्माण होंगे

सिंहस्थ मेला क्षेत्र(Simhastha fair area) की जमीन संकुचित होने लगी है, अवैध कॉलोनी कट गई है, कई लोगों ने सिंहस्थ की जमीन(land) पर कब्जे कर लिए हैं, इन सब से भी मुक्ति मिलेगी. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जिस प्रकार से स्थाई निर्माण(permanent construction) करने के लिए प्लान बनाया है, उसका संत समुदाय स्वागत करता है. आश्रम अस्पताल मंदिर और अन्य प्रकल्प बनाए जाएंगे इससे सभी को लाभ होगा. यह बात संत समुदाय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.

किसानों से कहा विरोध छोड़ें

media से चर्चा में संत समुदाय ने कहा कि जितने भी किसान हैं उन्हें विरोध छोड़ देना चाहिए क्योंकि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जो पक्के और स्थाई निर्माण किए जाएंगे उससे सभी को लाभ होगा. किसानों को एक बार यह पूरी योजना समझनी चाहिए. मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव से संत समुदाय द्वारा ही अपील की गई थी.

किसानों को मुआवजे की मांग

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास के साथ सभी साधु संतों ने एक स्वर में कहा कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उन्हें नियमानुसार मुआवजा भी मिलना चाहिए. इसकी हम शासन प्रशासन से मांग करते हैं, जिसकी जितनी जमीन ली जा रही है, उसका नियम के अनुसार मुआवजा तय किया जाए और जमीन अधिग्रहित करके स्थाई पक्के निर्माण किए जाएं ताकि किसान भी योजना से प्रसन्न रहे.

2027 में काम होंगे पूर्ण, नाले मिलना होंगे बंद

media से चर्चा में अखाड़ा परिषद के सदस्यों ने कहा कि वर्ष 2027 माह जून तक सभी सिंहस्थ के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएंगे. बड़ी-बड़ी बाहरी सड़क, आन्तरिक मार्ग चौड़े हो जाएंगे, ब्रिज और अन्य वृहद कार्य भी समय सीमा में किए जाने की बात, जिला प्रशासन द्वारा साधु संतों को कही गई है. साथ ही 13 में से दो नाले मिलना बंद कर दिए गए हैं, धीरे-धीरे सारे नाले नदी में मिलना बंद कर दिए जाएंगे ताकि सिंहस्थ 2028 में साधु संत मोक्ष दायनी मां शिप्रा में आचमन और स्नान पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ कर सके

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