भारत, को चीन से लगा जोरदार झटका, यह रहे बड़े कारण.
Union Budget 2025: देश की अर्थव्यवस्था को चीन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जैसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने आजादी के 100 वर्ष पूरे होने (2047) तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के आम बजट पेश करने से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भी इस बात पर प्रकाश डाला था। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के कई देश चीन की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। क्या आप जानते हैं, चीन से यह खतरा क्यों है और यह कितना गंभीर है?
उत्पादन में भारत चीन से दस गुना पीछे है
भारत के मुकाबले चीन का उत्पादन क्षमता 10 गुना से अधिक है विश्व के उत्पादन में भारत का योगदान तीन प्रतिशत से भी कम (2.8 प्रतिशत) है, जबकि चीन का हिस्सा लगभग दस गुना अधिक (28.8 प्रतिशत) है।
विश्व का एक तिहाई उत्पादन चीन में होता है
चीन अपने देश को किसी दुसरे देश के उपर निर्भर नही होने दे रहा है क्योकि वह स्वयं अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहते है चीन अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए साम, दाम, दंड हर तरह से प्रयास कर रहा है चीन ने 2015 में ‘मेड इन चाइना 2025’ योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य उत्पादन के मामले में चीन से आगे निकलना था। इसमें दस उच्च तकनीक उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया गया। आज विश्व का एक तिहाई उत्पादन अकेले चीन में होता है। चीन द्वारा उत्पादित मात्रा दूसरे से ग्यारहवें (दसवें) देशों के कुल उत्पादन के बराबर है।
मोदी सरकार के मिशन में चीन बन रहा है बाधा
China का लक्ष्य 2025 तक उच्च तकनीक उद्योगों में 70 प्रतिशत तक आत्मनिर्भर बनना है। China गणराज्य की 100वीं वर्षगांठ (2049) तक, इसका लक्ष्य विश्व बाजार में इन उद्योगों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना है। चीन अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए साम, दाम, दंड हर तरह से प्रयास कर रहा है जैसे नरेन्द्र मोदी सरकार(Narendra Modi government) ने आजादी के 100 वर्ष पूरे होने (2047) तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की घोषणा की है। इस Target को प्राप्त करने के लिए भारत को प्रतिवर्ष लगभग 8 प्रतिशत की दर से विकास करना होगा। इसे हासिल करने में न केवल कई आंतरिक चुनौतियां हैं, बल्कि चीन भी एक बड़ी बाधा उत्पन्न कर रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका की एफबीआई भी परेशान है
China अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए साम, दाम, दंड हर तरह से प्रयास कर रहा है और उसके इस तरीके से महाशक्ति अमेरिका भी हिल गया है। अमेरिकी एफबीआई ने चीन द्वारा की जाने वाली आर्थिक जासूसी को एक बड़ी चुनौती बताया है। FBI ने इसे अमेरिका की आर्थिक मजबूती और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बड़ा खतरा बताया है। एफबीआई का कहना है कि चीनी सरकार अपने फायदे के लिए सांसदों और जनमत को प्रभावित करने के लिए विभिन्न प्रकार की रणनीति अपना रही है। इनके अलावा, यह साइबर घुसपैठ, बौद्धिक संपदा की चोरी जैसे कई अवैध तरीकों का भी इस्तेमाल कर रहा है।