sidhi news : जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त से पीडि़त एक महिला की मौत होने पर मायके पक्ष के आक्रोशित लोगों ने सम्राट चौक में चक्काजाम शुरू कर दिये। परिजनों की मांग थी कि पोस्टमार्टम के बाद शव ससुराल पक्ष को सौंपा जाए। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने की पहल की, जिसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार कमर्जी थाना अंतर्गत मडि़ला पंचायत की कोटदर निवासी सरोज विश्वकर्मा पति महेन्द्र विश्वकर्मा को उल्टी-दस्त से पीडि़त होने पर शनिवार को दोपहर 1 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपरान्ह करीब 3 बजे उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद उसकी मौत हो गई। महिला की मौत की जानकारी पर मायके पक्ष के लोग भी कोतवाली थाना अंतर्गत गजरही गांव से पहुंच गये। मायके पक्ष के लोगों की मांग थी कि दहेज प्रताडऩा के चलते सुनियोजित तरीके से सरोज विश्वकर्मा की तबियत को बिगाड़ा गया था और उसकी मौत हो गई। इस वजह से पोस्टमार्टम कराया जाय जिससे सच्चाई का पता चल सके।
उधर महिला के ससुर रामप्रसाद विश्वकर्मा के द्वारा बताया गया कि वर्ष 2018 में उनके बेटे महेन्द्र विश्वकर्मा के साथ सरोज की शादी हुई थी। सरोज विश्वकर्मा 2-3 दिनों से बीमार थी। उल्टी-दस्त होने के कारण समीपी गांव के झोलाछाप डॉक्टर से उपचार कराया जा रहा था। स्वास्थ्य में सुधार न होने से 24 अगस्त को दोपहर करीब 1 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान ही दोपहर करीब 3 बजे उसकी तबियत अचानक खराब हो गई और मौत हो गई। वहीं मायके पक्ष से पिता का आरोप था कि ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर बेटी के साथ मारपीट किये और बिना पोस्टमार्टम कराये ही शव को अंतिम संस्कार के लिये लेकर जा रहे हंैं। ऐसे में पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराये इसके बाद अंतिम संस्कार होगा। कोतवाली पुलिस द्वारा आज पोस्टमार्टम कार्यवाई के पश्चात शव ससुराल पक्ष को सौंपा गया।
मौत होते ही शुरू हो जाता है चक्काजाम
जिले में अब तेजी के साथ यह प्रचलन बढ़ रहा है कि किसी भी घटना में मौत होते ही परिजन चक्काजाम शुरू कर देते हैं। इस तरह की घटनाएं लगातार बढऩे से लोगों की सबसे ज्यादा फजीहतें होती हैं। तत्संबंध में जानकारों का कहना है कि यदि मौत का कारण गंभीर है और कार्रवाई में कोई बड़ी मनमानी सामने आ रही है तो चक्काजाम आंदोलन किया जा सकता है। यदि छोटी घटनाएं और मौत का कारण भी स्पष्ट है तो इसको लेकर चक्काजाम आंदोलन करना पूरी तरह से गैर कानूनी है। ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन को चक्काजाम आंदोलन करने वालों पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिये। जिससे इस तरह होने वाले चक्काजाम आंदोलनों पर अंकुश लगाया जा सके।