Singrauli News: विवादित शौचालय निर्माण: सरकारी धन के दुरुपयोग और राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल

By Awanish Tiwari

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विवादित शौचालय निर्माण: सरकारी धन के दुरुपयोग और राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल

सिंगरौली।। मध्य प्रदेश में NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की जमीन पर सरकारी शौचालय निर्माण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि यह निर्माण जिला पंचायत के फंड से किया जा रहा है, जबकि यह जमीन केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई थी। इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप और निजी हितों को फायदा पहुंचाने के आरोप सामने आए हैं। सौरभ अग्रवाल ने बताया कि शौचालय के पीछे उनका जमीन है मुझे परेशान करने के लिए और निजी ढाबा और पेट्रोल पंप को लाभ देने के लिए यह शौचालय बनाया जा रहा है।

जिला पंचायत के CEO को ज्ञात हो कि वहां गांव या सार्वजनिक शौचालय की कोई जरूरत नहीं क्योंकि न वहां कोई गांव न बस्ती है विधायक के पेट्रोल पंप और ढाबा को निजी लाभ देने के लिए जिला पंचायत के पैसा का दुरुपयोग कर सार्वजनिक शौचालय बनाया जा रहा है ।

मामला है

सरकारी जमीन का दुरुपयोग: निर्माणाधीन शौचालय NHAI की जमीन पर हो रहा है, जिसे पहले ही केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जा चुका है।

विधायक का हस्तक्षेप: स्थानीय सचिव ने दावा किया है कि निर्माण कार्य विधायक के दबाव में शुरू किया गया है।

स्थानीय विरोध: स्थानीय निवासियों ने इस निर्माण का विरोध करते हुए सड़क चौड़ीकरण और निजी संपत्तियों के विकास पर असर पड़ने की आशंका जताई है।

भविष्य की योजना पर असर: इस जमीन पर भविष्य में सिक्स लेन सड़क बनाने की योजना है, जिससे यह निर्माण बाधा बन सकता है।

जमीन मालिक को समस्या: शौचालय बन जाने से शौचालय के पीछे जिस व्यक्ति की जमीन है उसको निर्माण , आवागवन और विकास कार्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ,

प्रमुख जानकारी

निर्माणाधीन शौचालय केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन पर स्थित है।

केंद्र सरकार ने इस जमीन के लिए पहले ही मुआवजा दे दिया है।

निर्माण पर उठे विवाद को लेकर जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।

सचिव: “शौचालय को पास कराने वाले विधायक के हस्तक्षेप से यह निर्माण हो रहा है।”
स्थानीय निवासी: “इस निर्माण से भविष्य में सड़क चौड़ीकरण और निजी संपत्ति के विकास में बाधा आ सकती है।”

सुझाव

✅ जिला प्रशासन को इस विवादित निर्माण कार्य को तत्काल रोकना चाहिए।
✅ शौचालय का निर्माण किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
✅ इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

निष्कर्ष

यह मामला सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग और राजनीतिक हस्तक्षेप का प्रतीक है। NHAI की जमीन पर शौचालय निर्माण से भविष्य की विकास योजनाओं पर असर पड़ सकता है। प्रशासन को तत्काल इस मुद्दे का समाधान निकालने की जरूरत है ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद न हो।

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