नई दिल्ली। त्योहारों के मौसम में जहां बाजारों में रौनक चरम पर है, वहीं सोने और चांदी के कारोबार में मिलावट और ठगी का बड़ा खेल सामने आ रहा है। नकली हॉलमार्क वाले सोने के जेवरात और खोटे चांदी के सिक्कों की भरमार से ग्राहक ठगे जा रहे हैं।
सोने-चांदी के लगातार बढ़ते भाव के बीच कई लोग पुराने गहने और चांदी के बर्तन बेचने पहुंचे तो सच्चाई चौकाने वाली निकली। अधिकांश ज्वैलर्स द्वारा ग्राहकों को बताया गया कि उनका सोना केवल 60–65% तक ही शुद्ध है, जबकि चांदी 50% से अधिक खोटी निकल रही है।
भरोसेमंद ज्वैलर्स पर भी उठे सवाल
ग्राहकों के अनुसार, सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले कुछ स्थानीय ज्वैलर्स ने सोना-चांदी कम शुद्धता का दिया, जबकि पैसे पूरे 100% शुद्ध धातु के वसूल किए गए। कई मामलों में ज्वैलर्स ने कैश वापस करने से इनकार करते हुए कहा कि “ज्वैलरी के बदले ज्वैलरी ले लें।”
इससे लोगों को दोहरी हानि झेलनी पड़ रही है — पहले खोटे सोने के लिए और फिर नई खरीदारी के लिए।
हत्या के प्रयास का खुलासा: पुलिस ने चंद घंटों में पांच आरोपियों को दबोचा!
त्योहारों के बीच बढ़ी ठगी की वारदातें
दिवाली और शादियों के सीजन में नकली हॉलमार्क और दो नंबर के निवेश योजनाओं के जरिए ठगी बढ़ी है। कई दुकानों पर बेचे जा रहे गिफ्ट के रूप में चांदी के सिक्के या छोटे सोने के लॉकेट जांच में खोटे पाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की सलाह — BIS हॉलमार्क जरूर जांचें
ज्वेलरी एक्सपर्ट्स का कहना है कि खरीदी गई सोने की ज्वेलरी को BIS प्रमाणित अस्से सेंटर में जांच करवाना बेहद जरूरी है।
इसीलिए टाटा, तनिष्क जैसे ब्रांड भरोसेमंद माने जाते हैं, क्योंकि उनकी प्योरिटी और बायबैक पॉलिसी पारदर्शी होती है। थोड़ा अधिक दाम चुकाने पर भी लंबी अवधि में नुकसान नहीं होता।