सिंगरौली में जल संरक्षण को लेकर हुआ भव्य “गंगा जल संवाद और सरपंच सम्मेलन”, कंचन नदी पुनर्जीवन बना मिसाल

By Awanish Tiwari

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सिंगरौली में जल संरक्षण को लेकर हुआ भव्य “गंगा जल संवाद और सरपंच सम्मेलन”, कंचन नदी पुनर्जीवन बना मिसाल

सिंगरौली। जिले के राजमाता चुनकुमारी स्टेडियम में आयोजित गंगा जल संवाद एवं पंच-सरपंच सम्मेलन में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की गई। मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए कहा, “नदी और वृक्ष हमारे समाज का भविष्य हैं, इन्हें बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”

कंचन नदी बना जनभागीदारी से पुनरुद्धार का आदर्श उदाहरण

कैबिनेट मंत्री ने अपने संबोधन में कंचन नदी पुनरुद्धार परियोजना की जमकर सराहना करते हुए कहा कि “यह परियोजना सरकार और समाज के साझा प्रयास का प्रमाण है।” उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के माध्यम से जल स्रोतों का पुनर्जीवन ग्रामीण विकास का सबसे प्रभावशाली माध्यम बन सकता है।

बारहमासी छोटी नदियों से ही भरेंगे बड़ी नदियों के जलाशय

कार्यक्रम में श्री पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक छोटी नदियां बारहमासी नहीं बनेंगी, तब तक बड़ी नदियों में जल की उपलब्धता भी सुनिश्चित नहीं हो सकेगी। उन्होंने सभी पंच-सरपंचों से आवाहन किया कि “गांव-गांव में अधिक से अधिक पौधारोपण कर जल संतुलन को बहाल किया जाए।”

युवाओं को किया प्रेरित – “जल बचाओ, भविष्य बचाओ”

कार्यक्रम के दौरान एनटीपीसी के उमंग भवन में आयोजित “नदी को जानो” अभियान में मंत्री पटेल ने युवाओं से अपील की कि वे जल संरक्षण को एक मिशन के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि “वर्षा जल और धरातल जल दोनों का संरक्षण भविष्य की पीढ़ी के लिए अनिवार्य है।” इस मौके पर अवधूत महायोगी समर्थ दादा ने भी अपने प्रवचनों में जल को देवतुल्य बताते हुए युवाओं को जागरूक किया।

उच्चस्तरीय उपस्थिति और संकल्प का प्रदर्शन

इस आयोजन में राज्य मंत्री राधा सिंह, सांसद डॉ. राजेश मिश्र, सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह, देवसर विधायक राजेन्द्र मेश्राम, कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, जिला प्राधिकरण अध्यक्ष दिलीप शाह, नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे, भाजपा जिलाध्यक्ष सुंदरलाल शाह, जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और ग्रामवासी शामिल हुए।

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