छिंदवाड़ा रफ्तार का कहर: साल भर में बुझ गए 373 घरों के चिराग

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छिंदवाड़ा (ईएमएस)। जिले में हर माह सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में जिले में प्रतिवर्ष 300 से 350 लोग अपनी जान गवां रहे है। बीते साल की बात करें तो जिले में 1 जनवरी से 23 दिसंबर तक 1049 दुर्घटना के मामले सामने आए हैं, जिसमें 786 लोग घायल हुए जबकि 373 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन हादसों की मुख्य वजह वाहन चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार है।Chhindwara speed havoc

आज के दौर में भागदौड़ वाली जिंदगी के चलते वाहन चलाते समय भी असावधानी दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। यही कारण है कि हर साल सिर्फ जिले में ही सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौकानें वाले है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष हादसों में कोई खास कमी नहीं आई लेकिन मृतकों की संख्या जरूर कम हुई है लेकिन अभी भी सड़कों पर बने गड्ढे हादसों के आंकड़े बढ़ा रहे हैं। सालभर के दौरान हुए सड़क हादसों में 373 घरों के चिराग बुझ गए। इन हादसों में जान गंवाने वाले दोपहिया वाहन चालक और राहगीर है। मरने वालों में 20 से 45 वर्ष के उम्र के लोग है। इनमें से अधिकांश दोपहिया वाहन चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था। कई मामलों में खराब सड़कों और नियमों की अव्हेलना सड़क दुर्घटनाओं की कारण बनी है।

हादसों की यह है प्रमुख वजह

1. भारी वाहन पर जरूरत के समय नियंत्रण खोना।
2. दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहनना।
3. दोपहिया वाहनों में तीन-तीन सवारी बिठाना।
4. गलत दिशा से वाहन को ले जाना।
5. हाइवे पर अवैध कट से वाहन का निकालना।
6. यातायात नियमों की अव्हेलना करना।

ओव्हरलोडिंग भी बड़ा कारण

सुरक्षित यातायात में भारी वाहनों में ओव्हरलोडिंग भी बड़ी बाधा कई बार ओव्हरलोडिंग वाहन की तेज गति के कारण चालक उस पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और वाहन पलटने से ज्यादा नुकसान यात्रियों को होता है। वहीं कई बार ऐसे वाहनों के पलटने से अन्य वाहन भी उनके चपेट में आ जाते है और उसमें सवार लोग बेमौत मारे जाते हैं।

हेलमेट न लगाना

दोपहिया वाहन चालकों के नियमों की अनदेखी करना और हेलमेट पहनकर वाहन न चलाने के कारण भी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। अक्सर जिन दोपहिया चालकों की मौत होती है उनमें से ज्यादातर लोग बिना हेलमेट के वाहन चलाते होते हैं। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई करता है। बावजूद इसके हादसों में कमी नहीं आ पा रही है।

इनका कहना है

सड़क दुर्घटना रोकने यातायात विभाग लगातार मुहिम चला रहा है। वाहनों के बढ़ते दबाव और नियमों का पालन न करना भी हादसे की वजह बन रहे है।
आरपी चौबे, डीएसपी यातायात

 

 

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