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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में यातायात की जीवनरेखा (lifeline) कही जाने वाली सड़कों में गड्ढे होना आम है। ये बात दीगर है कि राजनैतिक दल (political party) इसे गति अवरोधक के रुप में दुर्घटना रोकने में सहायक बताये लेकिन इससे न केवल यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि यह वाहनचालकों के लिए जानलेवा साबित हुई हैं।
लेकिन प्रत्येक नकारात्मक तथ्यों में सकारात्मक दृष्टि की तर्ज पर हरियाणा के एक 80 वर्षीय शख्स के लिए यह वास्तव में जीवनरक्षक साबित हुई। सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों द्वारा मृत दर्शन सिंह बराड़ का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके परिजन शव लेकर पटियाला से करनाल के पास निसिंग में उनके घर ले जा रहे थे। गांव में लकड़ी भी एकत्र कर ली गई थी। लेकिन शव ले जा रही एंबुलेंस का टायर कैथल के ढांड के पास एक गड्ढे में फंसने से झटका खा गई।
बराड़ परिवार ने कहा कि एंबुलेंस में बैठे दर्शन सिंह के पोते ने शव का हाथ हिलाते हुए देखा। दिल की धड़कन महसूस होने पर उन्होंने एंबुलेंस ड्राइवर को निकटतम अस्पताल में जाने के लिए कहा। वहां डॉक्टरों ने दर्शन सिंह को जीवित घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने उनके पिता को करनाल के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। फिलहाल बुजुर्ग दर्शन सिंह की हालत स्थिर बनी हुई है। परिवार ने इस घटना को चमत्कार बताया।
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