“पसीने में छुपा राजः रोबोट, रोबोटिक्स और भावनाओं का क्या है कनेक्शन?”
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि भविष्य में रोबोट सिर्फ आपकी त्वचा को छूकर यह जान सकते हैं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं? यह अब सिर्फ विज्ञान-कथा की बात नहीं है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि रोबोट इंसानों की भावनाओं को पसीने के माध्यम से समझने में सक्षम हो सकते हैं।
कैसे काम करता है स्किन कंडक्टेंस?
वैज्ञानिकों ने स्किन कंडक्टस का उपयोग किया, जो त्वचा की विद्युत चालकता को मापने का एक तरीका है। यह प्रक्रिया पसीने से जुड़ी है। जब इंसान किसी भावनात्मक प्रतिक्रिया का अनुभव करता है, तो उसकी पसीने की ग्रंथियाँ सक्रिय हो जाती हैं, जिससे त्वचा की विद्युत चालकता में बदलाव होता है। यह परिवर्तन बहुत तेजी से, एक से तीन सेकंड के भीतर होता है, जिससे व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति को तुरंत मापा जा सकता है।
अध्ययन का विवरण
टोक्यो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 33 प्रतिभागियों की उंगलियों पर प्रॉब्स लगाए और उन्हें भावनात्मक रूप से प्रेरक वीडियो दिखाए। इन क्लिप्स में हॉरर मूवी के दृश्य, कॉमेडी स्केच और परिवार के पुनर्मिलन जैसे विभिन्न भावनात्मक संदर्भ शामिल थे।
वैज्ञानिकों ने यह मापा कि प्रतिभागियों की त्वचा की कंडक्टेंस कितनी तेजी से बढ़ी और सामान्य स्थिति में वापस आने में कितना समय लगा।
भावनाओं के पैटर्न की खोज
अध्ययन में पाया गया कि हर भावना का अपना एक अलग पैटर्न होता है।
भय (डर): इसकी प्रतिक्रिया सबसे लंबे समय तक चली। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक विकासवादी विशेषता है, जो इंसानों को खतरों के प्रति सतर्क बनाए रखती है।
पारिवारिक जुड़ाव की भावनाः जिसे खुशी और दुख का मिश्रण माना गया, इसने धीमी प्रतिक्रिया दी। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इसलिए हो सकता है क्योंकि ये दोनों भावनाएँ एक-दूसरे में हस्तक्षेप कर रही थीं।
स्किन कंडक्टेंसः एक प्रभावी तकनीक
पेपर में वैज्ञानिकों ने बताया कि मौजूदा तकनीकें, जैसे चेहरे की पहचान और आवाज़ का विश्लेषण, अक्सर भावनाओं का सटीक अनुमान लगाने में विफल रहती हैं। ये तकनीकें न केवल अविश्वसनीय साबित होती हैं. बल्कि इनमें गोपनीयता से जुड़े मुद्दे भी होते हैं।
इसके विपरीत, स्किन कंडक्टस तेज़ और सटीक प्रतिक्रिया प्रदान करती है। यह तकनीक, जब अन्य संकेतकों जैसे हृदय गति और मस्तिष्क गतिविधि के साथ जोड़ी जाती है, तो यह भावनात्मक रूप से बुद्धिमान उपकरणों और सेवाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
भविष्य की ओर
यह खोज न केवल तकनीक के क्षेत्र में बड़ी प्रगति का संकेत देती है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में रोबोट और एआई के एक नए प्रकार के जुड़ाव की शुरुआत भी हो सकती है। अगर इन तकनीकों को सही तरीके से विकसित किया गया, तो यह न केवल हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य को समझने में मदद करेगी, बल्कि तकनीकी और इंसानी संबंधों को और भी गहराई देगी।