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MP News : मोहन सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खोला अपना खजाना खोल रही है। नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान किया गया है, जबकि एमपी के हजारों कर्मचारी अपने मूल वेतन (100 प्रतिशत) का इंतजार कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोला और सीएम मोहन को पत्र लिखा।
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2018-19 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को अभी भी 100 फीसदी वेतन नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। इसके अलावा इस मांग को लेकर सोशल मीडिया कैंपेन भी शुरू हो गए हैं। 11 अगस्त को सोशल मीडिया पर ‘मध्यप्रदेश 100% सैलरी दो’ ट्रेंड हुआ।
MP News : क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश सरकार में 2018-2019 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को प्रारंभिक वर्ष में मूल वेतन का 70 प्रतिशत भुगतान किया जाता है। परिवीक्षा अवधि के दौरान इसे सालाना 10 प्रतिशत बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया। 2019 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने नवनियुक्त कर्मचारियों के वेतन को लेकर एक फैसले में यह नियम बनाया था, जो अभी भी लागू है। अब इस नियम को बदलने के साथ-साथ प्रोबेशन पीरियड को भी कम करने की मांग की जा रही है।