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MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है, इसलिए राज्य सरकार जरूरत के हिसाब से नये कदम उठाने जा रही है. इसी दिशा में इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने का भी फैसला है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए यह बहुत उपयोगी साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सौगात होगी. अलग-अलग शहर जुड़ सकेंगे–MP News
वंदे मेट्रो सर्कल ट्रेन चलेगी
मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा हुई है. मध्य प्रदेश में वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति बन गई है. पुरानी मेट्रो की जगह वंदे मेट्रो सर्किल एक बड़ी सौगात होगी। मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने राज्य के कुछ शहरों में उपलब्ध नैरो-गेज और अन्य रेल लाइनों के उपयोग के संबंध में कहा कि इसका सर्वेक्षण और अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि रेल ट्रेक का उपयोग किया जा सके।
भोपाल में कहां-कहां चलेगी मेट्रो?
अक्टूबर में भोपाल में मेट्रो ट्रेन संचालन का परीक्षण भी किया जा चुका है। ऑरेंज लाइन में कुल 16 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें 14 एलिवेटेड और 02 अंडरग्राउंड होंगे. दूसरे चरण में भदबाड़ा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 14.21 किमी (ब्लू लाइन) की लंबाई में कुल 14 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। तीसरे चरण में सुभाष नगर से करोंद चौराहे तक 9.74 किमी का काम शामिल है। सुभाष नगर में एक संयुक्त मेट्रो रेल डिपो और पुल सुरंग और दो लाइनों के बीच एक इंटरचेंज स्टेशन है। पहले चरण में मेट्रो ट्रेन का व्यावसायिक संचालन आने वाले महीनों में शुरू हो जाएगा। वाणिज्यिक परिचालन के लिए दूसरा और तीसरा चरण 2027 में पूरा किया जाएगा।
मेट्रो ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं
सामान सुरक्षा जांच, यात्री सुरक्षा जांच, पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, मैनुअल कॉल पॉइंट, अग्निशामक यंत्र, लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियां, प्लेटफार्म स्क्रीन दरवाजे, यात्री मार्ग मानचित्र, यात्री सूचना प्रणाली, आपातकालीन स्टॉप प्लंगर, वहां होगा आपातकालीन यात्रा प्रणाली, आपातकालीन सहायता बटन, प्रतीक्षा बेंच जैसी कई सार्वजनिक सुविधाएं हों।
वहीं, ट्रेन में अन्य सुविधाओं के साथ-साथ महिलाओं, दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। शिशु देखभाल कक्ष भी रहेगा। दिव्यांगों के लिए शौचालय में कॉल बटन, सपोर्ट स्टाफ, सड़क से लिफ्ट तक रैंप, टच पाथ और व्हीलचेयर की सुविधा होगी।