पन्ना। नगर के मूल निवासी और प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीएमओ पद (CMO post) पर पदस्थ रहे दिनेश तिवारी का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। आधार और पैन कार्ड के अनुसार उनकी जन्मतिथि 17 नवंबर 1961 है, जिसके हिसाब से उन्हें वर्ष 2023 में ही सेवानिवृत्त हो जाना था। लेकिन रिकॉर्ड में हेराफेरी कर तिवारी ने अपनी सेवा अवधि 2029 तक बढ़ा दी और दो वर्षों में करोड़ों रुपये के भुगतान कर डाले।
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छतरपुर जिले की राजनगर परिषद से अमानगंज नगर परिषद में हाल ही में उनका स्थानांतरण (transfer) हुआ था। अमानगंज में ज्वाइनिंग से पहले ही दस्तावेजों की जांच में गड़बड़ी सामने आ गई। संचालनालय नगरीय प्रशासन, (directorate of urban administration) भोपाल द्वारा तिवारी से आधार, पैन कार्ड व शैक्षणिक प्रमाण पत्र मांगे गए, लेकिन उन्होंने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। इसके चलते उन्हें सागर ज्वाइंट डायरेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया और तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त कर दिया गया।
दिनेश तिवारी ने 1980 में छतरपुर में पहली बार ज्वाइन किया था और उसके बाद कई नगर निकायों में पदस्थ रहे। अपर आयुक्त ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और सेवानिवृत्ति के बाद ली गई परिलब्धियों की वसूली का प्रस्ताव रखा है। एडवोकेट दिनेश प्रजापति ने बताया कि कूटरचित दस्तावेज और लोक रजिस्टर में छेड़छाड़ करने पर बीएनएस की धाराओं के तहत 7 से 10 साल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।फिलहाल जांच जारी है और वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
दस्तावेजों में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए, जांच करने के लिए कहा है। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। फिलहाल उन्हें राजनगर नगर परिषद् से रिलीव कर दिया गया था।
साजिदा कुरेशी, पीओ डूडा छतरपुर।