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नई दिल्ली(ईएमएस)। कपड़ा और स्टील की पीएलआई योजना (PLI scheme of textile and steel) में ज्यादा प्रगति नहीं दिखी है। कुछ मामलों में परियोजना की अवधि इस साल के अंत तक पूरी होगी, जिसके बाद वित्त वर्ष 2025 से प्रोत्साहन का दावा किया जा सकेगा। कुछ पीएलआई योजनाओं के लिए आवेदन ही बहुत कम कंपनियों ने किया था। भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए वित्त वर्ष 2021 में 14 क्षेत्रों से जुड़ी PLI Schemes शुरू की गई थीं। मगर वित्त वर्ष 2023 में केवल 2,874 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, जो 1.97 लाख करोड़ रुपये की कुल योजना राशि का 1.3 फीसदी ही है।
सरकार ने अपनी महत्त्वाकांक्षी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटन का लक्ष्य रखा था मगर वास्तविक आवंटन इससे बहुत कम रह जाने की आशंका है। मामले से वाकिफ लोगों ने यह जानकारी दी। प्रोत्साहन आवंटन कम रहने के कई कारण हैं जैसे कंपनियां सरकार द्वारा तय शर्तें पूरी नहीं करने के कारण प्रोत्साहन का दावा नहीं कर सकीं, आवेदन कम रहे और 14 पीएलआई योजनाओं में से कुछ में प्रगति बहुत धीमी रही।
सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिए जाने का अनुमान लगाया था, जिसमें 6,000 करोड़ रुपये मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए ही जाना था। मगर मोबाइल फोन विनिर्माण की पीएलआई योजना में करीब 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। अन्य योजनाओं के लिए भुगतान और भी कम रहा है। आवंटन की तस्वीर मार्च में साफ होगी, जब ज्यादातर कंपनियां अपने बिल जमा करेंगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘वित्त वर्ष 2024 के लिए 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के आंवटन का लक्ष्य था। हमें ऐसा होता नहीं दिख रहा और संशोधित आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर आंकड़े फिलहाल बहुत अच्छे नहीं हैं। इस बारे में तस्वीर फरवरी या मार्च तक साफ होगी क्योंकि ज्यादातर भुगतान उसी समय किया जाएगा।’
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