50 फीसदी डिलेवरी प्वाइंट में 200 के अंदर प्रसव
Satna and Maihar News: सतना और मैहर में 35 delivery प्वाइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन इनमें से 50 percent प्वाइंट्स पर delivery का आंकड़ा 200 के भीतर ही सिमट कर रह गया है। health department के आंकड़ों के अनुसार, 17 Health केन्द्रों पर 0 से 200 तक प्रसव हो रहे हैं। सिविल hospital, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों से गर्भवती महिलाओं को अक्सर District Hospital के लिए रेफर कर दिया जाता है, जिससे District Hospital पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
PHC and SHC में प्रसव कम या शून्य होने की वजह गर्भवती स्वयं के इच्छा से वहां पर नहीं पहुंचती। अब किसी को उन प्वाइंट पर प्रसव कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। आशा की जिमेदारी रहती है कि महिलाओं को जागरूक करे कि जब पास में प्रसव होता है तो दूर जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा।
डॉ एल के तिवारी, CMHO सतना
Satna. जिले में सुरक्षित और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए 35 delivery प्वाइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन इनमें से कई की स्थिति चिंताजनक है। april से november 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, 5 delivery प्वाइंट्स में एक भी प्रसव नहीं हुआ, जबकि 2 प्वाइंट्स में प्रसव का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंच सका। 17 डिलीवरी प्वाइंट्स में 200 से भी कम प्रसव हुए। इन केंद्रों के अधिकांश रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं का बोझ जिला अस्पताल पर बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में 35.50% प्रसव जिला अस्पताल में हुए थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 37% हो गया। 2024-25 के पहले 8 महीनों में भी 35% प्रसव जिला अस्पताल में हुए हैं।
5 केन्द्रों में शून्य, 2 में 10 से भी कम: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चित्रकूट में 0, बुढ़ाबाउर में 0, मर्यादपुर में 0, उप स्वास्थ्य केन्द्र मनकहरी में 0, चोरमारी में प्रसव का आंकड़ा 0 के आगे नहीं बढ़ पाया। उप स्वास्थ्य केन्द्र रामगढ़ में 1 और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुलगढ़ी में मात्र 9 गर्भवती महिलाओं के प्रसव हुए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों की पदस्थापना होने के बाद भी प्रसव नहीं हो रहे। वहीं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एएनएम और नर्सिंग स्टॉफ ही प्रसव करा रही है।
PHC Chitrakoot: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नयागांव चित्रकूट में भी गर्भवती महिलाओं के प्रसव नहीं हो रहे हैं। प्रसव के लिए मझगवां, सतना रेफर कर दिया जाता है या परिजन जानकीकुंड चिकित्सालय का सहारा लेते है। अप्रेल से नवंबर तक की स्थिति में एक भी प्रसव नहीं हुए। जबकि इस केन्द्र में 1 डॉक्टर और 2 नर्सिंग स्टॉफ, फार्मासिस्ट, डाटा इंट्री ऑपरेटर, भृत्य की नियुक्ति की गई है।
पीएचसी बुढा़बाउर: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बुढ़ाबाउर में गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 8 महीने में 0 पर ही अटका हुआ है। जबकि बुढ़ाबाउर में 1 डॉक्टर , 1 एएनएम, 1 स्टॉफ नर्स और 1 वार्ड ब्वाय की तैनाती है। यहां पर प्रसव के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए देवराजनगर या गोविंदगढ़ जाना पड़ता है।
प्रसव के आंकड़े
वर्ष प्रसव
2022-23 32932
2023-24 34605
2024-25 25566
जिले के अस्पतालों में विशेषज्ञों के 68 फीसदी पद खाली
जिला अस्पताल और जिला मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अधीनस्थ विशेषज्ञों के स्वीकृत पदों के मुताबिक 68 फीसदी आज भी खाली हैं। महज 32 फीसदी विशेषज्ञों के दम पर ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चल रही हैं। विशेषज्ञों के 97 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 31 पद ही भरे है। वहीं मेडिकल ऑफिसर के 39 फीसदी पद खाली हैं। 61 फीसदी द्वितीय श्रेणी के डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल ऑफिसर के 121 स्वीकृत पद में 72 भरे हुए हैं।
पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
मेडिसिन विशेषज्ञ 18 3 15
शल्य क्रिया 17 5 12
स्त्री रोग 17 6 11
निश्चेतना 10 3 7
नेत्र रोग 4 3 1
अस्थि रोग 7 3 4
पैथौलाजिस्ट 5 1 4
ईएनटी 2 1 1
क्षय रोग 1 1 0
रेडियोलॉजिस्ट 3 0 3
चिकित्सा अधि. 121 73 48