मरीजों को सोनोग्राफी की कमी हुई जिला अस्पताल ट्रॉमा सेंटर में
Singrauli Breaking News: फैक्ट फाइल एक प्रशिक्षित doctor के भरोसे सोनोग्राफी जांच 50 मरीज जांच के लिए करते हैं इंतजार 20 मरीजों की एक दिन में हो पाती है sonography District Hospital में एक रेडियोलॉजिस्ट होने से लडखड़ाई व्यवस्था
Singrauli. जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत निजी केंद्रों पर pregnant महिलाओं को मुफ्त सोनोग्राफी की सुविधा नहीं मिल रही है। जिला अस्पताल trauma center भी मरीजों को नियमित सोनोग्राफी की सुविधा नहीं दे रहा है। अस्पताल की sonography की जांच रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे टिकी हुई है। discharge होने के बाद ट्रॉमा सेंटर के मरीजों को private investigation करानी पड़ती है।
ट्रॉमा सेंटर की OPD में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में आने वाली महिला मरीजों को चिकित्सक अक्सर सोनोग्राफी की सलाह देते हैं। चिकित्सक एक दिन में 60 से अधिक मरीजों को ultrasound जांच की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में मरीजों को जिला अस्पताल में जांच के लिए दूसरे दिन तक Number का इंतजार करना पड़ता है। एक दिन में सभी मरीजों की जांच नहीं हो सकती. वैसे आर्थिक रूप से कमजोर मरीज इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर जाते हैं। इन मरीजों को बाहर सोनोग्राफी के लिए 700 से 800 rupees खर्च करने पड़ते हैं। लंबे समय से रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने के कारण ट्रॉमा सेंटर में सोनोग्राफी सुविधा शुरू करने के लिए Dr. Vimala Khes को प्रशिक्षण के लिए Bhopal भेजा गया था। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिला Doctor ने ट्रॉमा सेंटर के मरीजों की जांच शुरू कर दी है. इस समस्या को अस्पताल प्रबंधन भी मानता है कि रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण मरीजों की परेशानी बनी रहती है.
District Hospital ट्रामा सेंटर में पहले सोनोग्राफी की जांच अब प्रत्येक दिन हो रही है। मगर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। बल्कि एक महिला चिकित्सक को प्रशिक्षित कर जिला अस्पताल में मरीजों की जांच कराई जा रही है। जिससे मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पहले private दो रेडियोलॉजिस्ट जांच करने जिला अस्पताल पहुंचते थे। मगर अब प्रशिक्षित एक रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे मरीजों की जांच की जा रही है। मगर वर्तमान में जो स्थिति बनी है इससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को जेब ढीली करनी पड़ रही है।
private centers पर सोनोग्राफी की जांच सुविधा की शुरू नहीं कराई गई है। जबकि दावा किया गया था कि जिले में तीन निजी सेंटरों पर प्रत्येक माह में दो दिन गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच की जाएगी। यह महज निर्देश तक ही सीमित रह गया। हकीकत यह है कि District Hospital में भी नियमित रूप से यह सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। hospital प्रबंधन ने बताया है कि रेडियोलॉजिस्ट की कमी दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कोशिश है कि मरीजों की यह समस्या बहुत जल्द दूर की जाएगी।