Singrauli News: सरई इलाके के फुलझर गांव में बीते दिनों नदी से नहाकर लौटी तीन बालिकाओं की अचनक तबीयत खराब हो गयी जिसमें दो बालिकाओं की मौत हो गयी जबकि एक को गंभीर हालत में चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। बच्चियों की मौत की जानकारी मिलने पर जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण की टीम फुलझर गांव पहुंची। जहां परिवार के लोगों से बच्चियों के बीमार होने के बारे में पूछताछ की—Singrauli News
फिलहाल, बच्चियों के पिता इंद्रभान सिंह के कथनानुसार उनकी दो बच्चियां सोनू सिंह (13 वर्ष) व सावित्री सिंह (5 वर्ष) शुक्रवार को सुबह दस बजे एक दिन पहले की बची रोटी और आम की चटनी खाने के बाद गंदे कपड़े धोने के लिए महान नदी गई थीं। जहां उन्होंने कपड़े धोने के साथ नदी का पानी भी पिया था। कपड़े धोने के बाद सवा 12 बजे दोनों घर आने के बाद लेट गई व खाना नहीं खाया। पानी पीने के बाद दोनों में से एक बच्ची को तीन बजे उल्टी शुरू हो गई। वहीं दूसरी को आधे घंटे बाद उल्टी होने लगी। घर में उल्टी की गोली न होने पर बुखार की टेबलेट दी। इसी दौरान तीसरी बेटी की भी तबीयत खराब हो गई।
गजराबहरा के फुलझर गांव में 2 बच्चियों की मौत की जानकारी होने पर ब्लॉक व जिला स्तर से पहुंची टीम ने मौके का जायजा लिया। जिले की टीम में जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. जेसी यशवाल, जिला एपिडेमियोलॉजी डॉ. रामनिवास कुशवाहा व जिला डाटा मैनेजर विपिन द्विवेदी की मौजूदगी में आशा सहयोगिनी व आशा कार्यकर्ता ने गांव के हर घर में जाकर सर्वे किया। गांव में ब्लॉक टीम से सीबीएमओ, बीसीएम, सुपरवाइजर, सीएचओ, एएनएम मौजूद रहीं। जिलास्तरीय टीम ने बताया कि फुलझर गांव की आबादी करीब नौ सौ है। सर्वे में कोई अन्य बच्चा या व्यक्ति ग्रसित नहीं पाया गया।
रात के 12 बजे 5 साल की सावित्री की मौत हो गई, जबकि सोनू सिंह ने सुबह छह बजे दम तोड़ दिया। इंद्रभान सिंह के अनुसार उन्होंने तीनों बेटियों की गांव में ही दवाई कराई थी। दो बेटियों की मौत होने के बाद तीसरी बेटी सपना सिंह को लेकर ओवरी के वीरे सिंह के यहां उपचार कराने गए तो आशा कार्यकर्ता कविता सिंह और उनके पति ने 108 एम्बुलेंस बुलाकर उसे सरई अस्पताल भेजा।
जहां सीएचसी प्रभारी डॉ. सुषमा साहू ने अपनी देखरेख में उपचार शुरू किया। उसकी हालत में सुधार होने पर उसे जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड में भेजा गया।पीड़ित घर में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी व स्टूल का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा। टीम के अनुसार बच्चियों की मौत संभवत: फूड प्वायजनिंग से हुई है। हालांकि, इसकी पुष्टि सैंपल की जांच के बाद होगी। गांव के लोगों को गर्मी को देखते हुए ताजा भोजन करने व साफ पानी पीने की समझाइश दी गई। इसके साथ मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया है।
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