जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी, पर्यावरण और जनता की जान से खिलवाड़, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला अंजान
Singrauli News: जिले के नगर परिषद बरगवां के सब्जी(Vegetable) मंडी परिसर में संचालित कथित बंगाली डॉक्टर और अन्य झोलाछाप चिकित्सकों ने पूरे इलाके(locality) में अपना दबदबा स्थापित कर रखा है। इतना ही नही उक्त कथित चिकित्सक न केवल अवैध(illegal) तरीके से लोगों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि मेडिकल बायोमेडिकल(medical biomedical) वेस्ट को खुले में फेंककर पर्यावरण और स्वास्थ्य(environment and health) के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।दरअसल बरगवां सब्जी मंडी परिसर में संचालित क्लिनिक संचालको के द्वारा मेडिकल बायोमेडिकल वेस्ट को उचित तरीके से निष्पादन न करके खुले में फेंका जा रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषण, जल प्रदूषण और मृदा प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
इन वेस्ट सामग्री में इस्तेमाल किए गए सिरिंज, ब्लेड, बैंडेज और अन्य खतरनाक पदार्थ शामिल है। आलम यह है कि जिले में झोला-छाप डॉक्टरों ने बगैर किसी मान्यता या लाइसेंस के इलाज करना शुरू कर रखा है। इनमें से अधिकांश डॉक्टर सामान्य चिकित्सा के ज्ञान के बिना ही गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते है। बरगवां क्षेत्र में कुछ कथित क्लिनिक संचालित हैं। जहां डॉक्टर एक प्रमाणपत्रों के सहारे लोगों का इलाज कर रहे है।
वही आरोप है की स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारिओं की लापरवाही से इन झोलाछाप चिकित्सकों को बढ़ावा मिल रहा है। जिम्मेदार अधिकारी इन क्लिनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों की जांच करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नही ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यह भी आरोप है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त कथित चिकित्सक बेरोक-टोक अपनी गतिविधियां चला रहे है। फिलहाल जिले में अवैध रूप से संचालित क्लिनिको एवं खुले स्थानो में फेके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट के मामलेे पर भी प्रशासन के चुप्पी पर भी सवाल खड़े किये जा रहे है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बेसुध
आरोप है की बरगवां इलाके में प्रदूषण दिल्ली को भी फेल कर दे रहा है। कोयला डस्ट से लेकर अन्य धू के कण इतना भयावह उड़ रहा है कि गोदवाली गोरबी तक कोयले का डस्ट दिखाई देता है। क्षेत्रीय प्रदूषण अमला इस मामले में कोल कारोबारियों पर शिकंजा कसने में गुरेज करता है। इसके पिछे कारण क्या है? इसे तो उक्त विभाग के अधिकारी ही बता पायेंगे। वही बरगवां इलाके में झोलाछाप चिकित्सक ों द्वारा की जा रही लापरवाही न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है बल्कि आम जनता की जान के लिए भी खतरा बना हुआ है। आरोप लग रहे है की गलत इलाज, नकली दवाई और संक्रमण फैलने का खतरा यहां के निवासियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है।
जिले में झोलाछाप चिकित्सकों की है चांदी
जिला मुख्यालय(District Headquarters) समेत करीब पूरे जिले में खास तौर पर ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप चिकित्सकों की बाढ़ आ गई है। उनकी लापरवाही गलत इलाज करने के कारण आए दिन किसी न किसी मरीज भी काल के गाल में समा जा रहे हैं। इतना ही नही झोलाछाप चिकित्सकों(quacks) के खिलाफ कई बार संबंधित थानों में शिकायत भी की जा चुकी है। लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई क्यों नही करती सवाल के जवाब में गोलमाल रहता है। वही क्षेत्र में अघोषित रूप से संचालित झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिक के द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट(medical waste) को खुले में फेंका जा रहा है। ग्रामीण अंचल का ऐसा कोई जगह नही है। जहां झोलाछाप चिकित्सक क्लिनिक खोलकर अपने व्यवसाय को अंजाम दे रहे हैं और उनके द्वारा बायोमेडिकल बेस्ट को खुले में फेंक कर मवेशियों को खाने के लिए मजबूर कर दे रहे हैं।