बच्चों का पूरा डाटा पहले ही संग्रहित, अब अपार की तैयारी
Singrauli News: सिंगरौली. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पूरा डाटा पहले से ही विभिन्न आइडी के तहत संग्रहीत है। इसके बावजूद अब Central government ने एक और अपार आइडी बनाने के आदेश जारी कर दिए। अभिभावकों के लिए अपने बच्चे की अपार आइडी बनवाना स्वैच्छिक है, जबकि शासकीय शिक्षकों और प्राइवेट स्कूल संचालकों से यह काम कार्रवाई का डर दिखाकर कराया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पहले से ही बच्चों की पूरी जानकारी विभाग सहित सरकार के पास है, तो फिर अब इस नई आइडी की क्या जरूरत?
गौरतलब है कि स्कूली बच्चों(school children) के आधार कार्ड से लेकर समग्र आइडी(overall id) सहित अन्य एप के माध्यम से पूरी जानकारी शिक्षा विभाग सहित सरकार के पास पहले से ही है। इसके बावजूद अब अपार आइडी का एक और शिगूफा छोड़ दिया गया। अब सभी अध्ययनरत बच्चों की अपार आइडी बनाई जाएगी, जिसकी जिमेदारी सभी शासकीय शिक्षकों को दी गई है। जो शिक्षक इस कार्य को प्राथमिकता के साथ नहीं करेगा, उसके खिलाफ action किए जाने का प्रावधान भी है। वहीं दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों को भी यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वे भी अपने स्कूल में studying सभी बच्चों की अपार आइडी बनवाएं, अन्यथा उनके खिलाफ मान्यता निरस्त की कार्रवाई की जाएगी। इस नवीन आइडी का दूसरा पहलू यह है कि अभिभावकों के लिए यह कार्य स्वैच्छिक रखा गया है, यानी वे चाहें तो अपने बच्चे की आइडी बनवाएं।
पहले बताते फायदे-नुकसान तो होती आसानी
अपार आइडी के बारे में यदि शिक्षा विभाग या प्रशासन(Administration) उसे बनवाने के लाभ व न बनवाने के Loss के बारे में जानकारी प्रसारित करवाता, तो अभिभावकों का रुझान इसके प्रति बढ़ता। Department ने इस नई आइडी के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया, बल्कि सीधे ही शिक्षकों व स्कूल संचालकों को इसे बनाए जाने का target तय कर दिया गया।