Share this
SINGRAULI NEWS : 4 वर्ष से नहीं मिला पीएफ, दो माह से पेमेंट, नगर निगम के वाहन चालक परेशान
नई ताकत न्यूज नेटवर्क .SINGARULI NEWS । नगर निगम सिंगरौली में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला एक अलग रिकॉर्ड बनाने को तैयार है। आपको बता दें कि 4 वर्ष से नगर निगम के वाहन चालकों को पीएफ नहीं मिला वहीं दो माह से नही इन्हें पेमेंट मिला है । वाहन चालकों का आरोप है कि नगर निगम के वाहन अधिकारी की लापरवाही एवं उनके संरक्षण में काम कर रहे ठेकेदार के तानाशाही रवैया के कारण अभी तक ना तो पीएफ मिला है और ना ही 2 महीने से पेमेंट ही मिल पाया है। जिसके कारण हमारे बाल बच्चे भूखे रहने की कगार पर आ गए हैं। वाहन चालकों ने बताया कि अगर इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो नौकरी से निकाल देने की धमकी दिया जाता है।
कब होगी अधिकारी और ठेकेदार पर कार्यवाही..?
निगम के संविदा वाहन चालकों के अनुसार अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत से यह खेल चल रहा है। नगर निगम के अधिकारी ठेकेदार का भी कुछ पैसा पीएफ के नाम पर काट लिए हैं लेकिन ना तो ड्राइवर को पीएफ मिला ना ही दो महीने से पेमेंट मिल पाया है। चालकों का कहना है कि 4 साल का पीएफ अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से हजम कर लिया गया है। वाहन अधिकारी वैसे भी पहले से भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त हैं जिसपर ना ही कमिश्नर इन्हें पद से हटा रहे हैं ना ही ड्राइवर की समस्याओं को समाधान करवा रहे हैं।
वाहन ,स्टोर शाखा में फैला भ्रष्टाचार, अन्य मामलों में भी लग चुके हैं गंभीर आरोप
नगर निगम में स्टोर एवं वाहन शाखा का प्रभार उसी अधिकारी को दिया गया है जो पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपी है। ना ही कमिश्नर इस आरोपी अधिकारी पर कोई कार्यवाही कर रहे हैं ना ही इन्हें पद से हटा रहे हैं। वैसे तो महापौर ने नगर निगम के तीन अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा मुक्त करने का फैसला लिया है और राज्य सरकार को अग्रेषित कर दिया है।
वाहन विभाग में वाहन चालकों का पेमेंट, पीएफ सहित डीजल के घोटाले की जांच करने की मांग की जा रही है। नगर निगम के ड्राइवर कई बार महापौर अध्यक्ष और कमिश्नर से लिखित में आवेदन दिया है । लेकिन अभी तक वाहन चालकों की कोई भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है वही वाहन अधिकारी के द्वारा डीजल से लेकर गाड़ी मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए का बंदरबाट किया जा रहा है लेकिन वाहन चालकों का पेमेंट और पीएफ दिलाने का टाइम नहीं है क्योंकि ठेकेदार से साथ साठ-गांठ के कारण नगर निगम के अधिकारी की कमीशन में मस्त है।